जम्मू रीजन में बनने वाले दुनिया के सबसे ऊंचे रेल पुल चेनाब का काम पूरा होने के करीब है। चेनाब ब्रिज का दोनों आर्चो के बीच फाइनल डक का काम पूरा होने वाला है। जिसके बाद इस पर रेल पटरी डालने का काम होगा। जम्मू कश्मीर की राजधानी श्रीनगर को सीधी रेल कनेटिविटी से जोड़ने के लिए बनाई जा रही रेल रूट की सबसे बड़ी चुनौतियों में शामिल था। इसके साथ ही चेनाब नदी के ऊपर बन रहा ये पुल दिल्ली के कुतुब मीनार से 5 गुना ऊंचा वही फ्रांस के एफिल टॉवर से भी ऊंचा है। चेनाब पुल नदी की तलहटी से 359 मीटर ऊपर है। पूरा हो जाने पर यह दुनिया का सबसे ऊंचा रेल पुल होगा। आर्क पर डैक का निर्माण किया जा रहा है। कुल 1315 मीटर के डैक के कार्य में से 1238 मीटर डैक का कार्य पहले ही पूरा कर लिया गया है।
मौजूदा समय में जम्मू के कटरा तक ट्रेनों का परिचालन 2014 में शुरू हो गया था। पर शेष 111 किलोमीटर लम्बे कटरा-बनिहाल रेल सेक्शन का कार्य हिमालयी भू-भाग और ऊंचे पहाड़ों और गहरी नदी घाटियों के कारण निर्माण कार्यों के लिए सबसे कठिन है। इस रेल सेक्शन पर 38 रेल सुरंगें हैं जिनकी कुल लम्बाई 119 किलोमीटर है। वर्तमान में, 160.52 किलोमीटर तक का सुरंग कार्य (95.47 किलोमीटर मुख्य और 65.05 किलोमीटर एस्केप टनल) पूरा हो गया है। 12.77 किलोमीटर लम्बी भारत की सबसे लम्बी रेल सुरंग टी-49 को फरवरी, 2022 में तैयार किया था। सुरंग में लाइनें बिछाने का कार्य तेजी से चल रहा है।
इस रेल सेक्शन पर 927 बड़े और छोटे पुल हैं जिनकी कुल लम्बाई 13 किलोमीटर है। अंजी खड्ड पर बना एक और महत्वपूर्ण ढांचा अंजी पुल भारत का पहला केबल आधारित रेल पुल होगा। इस पुल के बड़े पिलर लगा दिए गए हैं और डैक का कार्य पूरा कर लिया गया है। मुख्य पिलर से बंधी केबलों से डैक को जोड़ने का कार्य चल रहा है।
इस रेल सेक्शन पर रेलवे स्टेशनों का निर्माण किया जा रहा है। अरपिंचला स्टेशन का कार्य करीब पूरा हो गया जबकि अन्य रेलवे स्टेशनों का कार्य तीव्र गति से चल रहा है। यहां गिट्टी रहित रेल लाइनें बिछाई जा रहीं हैं जबकि अन्य कार्य जैसे पोर्टलों का निर्माण सुरंगों को वेंटिलेशन और सिगनल एवं दूर संचार कार्य साथ-साथ चल रहे हैं।
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