राजनीति में संदेशों का अपना अलग ही महत्व होता है। कहा भी जाता है कि जो राजनीतिक दल अपनी बात को जनता के बीच असरदार तरीके से रखने में कामयाब होते हैं, चुनावी जीत उन्हें हासिल होती है। 2024 में लोकसभा चुनाव से पहले देश के कई अहम सूबों में चुनाव होने हैं और राजनीतिर उठापठक का दौर जारी है। हाल ही में मणिपुर में जेडीयू के पांच विधायक बीजेपी में शामिल हो गए और अब दादरा नगर हवेली में जेडीयू का अस्तित्व ही समाप्त हो गया है।
राष्ट्रव्यापी मिशन को झटका
दादरा नगर हवेली में जेडीयू के सभी 15 सदस्य बीजेपी का हिस्सा बन चुके हैं। जेडीयू सदस्यों के बीजेपी में शामिल होने के बाद बीजेपी नेता विजया रत्नाकर ने कहा कि जेडीयू का अस्तित्व पूरी तरह खत्म हो चुका है। जेडीयू की धोखेवाली राजनीति और बाहुबलियों से हाथ मिलाने के फैसले के बाद लोगों में नाखुशी थी। दादरा नगर हवेली के लोग भी इस तरह की राजनीति को पसंद नहीं करते हैं।
क्या कहते हैं जानकार
जानकार कहते हैं कि सियासत में जब कोई शख्स ऊंचे ख्वाब देखता है किसी मिशन पर आगे बढ़ता है तो सांकेतिक तौर पर मिले झटकों का भी बड़ा महत्व होता है। बिहार की सियासत में जब नीतीश कुमार ने प्रयोग किया और राष्ट्रीय फलक पर आने के संकेत देने लगे तो बड़ा झटका मणिपुर में लगा। अगर मणिपुर से लोकसभी सीटों की संख्या को देखें तो संख्या महत्वपूर्ण नहीं है। बल्कि पांच विधायकों के बीजेपी में जाने का मतलब है कि जमीनी तौर पर जेडीयू क विस्तार सिकुड़ गया। मणिपुर की राजनीति पर जेडीयू की तरफ से बयान भी आया कि जो वो लोग बीजेपी के बारे में कहा करते थे वो बेदम नहीं था।
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