नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन विधेयक पर जेडीयू ने लोकसभा में मोदी सरकार का समर्थन किया था। लेकिन अब कुछ दिग्गज नेताओं ने ऐतराज जताया है। प्रशांत किशोर के बाद पवन वर्मा ने कहा कि यह बिल असंवैधानिक और देश को बांटने वाला है। इस विषय पर उन्होंने बिहार के सीएम नीतीश कुमार से बातचीत की है। इसके साथ ही उन्होंने राज्यसभा में बिल का समर्थन नहीं करने की अपील की है।
पवन वर्मा ने कहा कि उनका मानना है कि इस बिल से समाज और देश बटेगा। यह मानवीय मूल्यों के साथ साथ संवैधानिक आदर्श के खिलाफ है। यह बिल गांधी जी की विचारधारा के भी खिलाफ है। उन्होंने कहा था कि आखिर हम किस तरह के समाज का निर्माण चाहते हैं। अगर जेडीयू के संविधान को देखें तो स्पष्ट है कि पार्टी संविधान को सर्वोच्च मानती है। लोकसभा में पार्टी की तरफ से समर्थन का जो फैसला लिया गया वो न्यायसंगत नहीं था।
पवन वर्मा से पहले जेडीयू के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने भी पार्टी द्वारा लोकसभा में समर्थन देने के फैसले पर सवाल उठाया था। उन्होंने कहा था कि यह गांधी जी के आदर्श के खिलाफ है। माननीय सीएम नीतीश कुमार जी को निश्चित तौर पर इस मुद्दे पर विचार करने की आवश्यकता है।
आरजेडी के तेजस्वी यादव ने कहा कि लोकसभा में बिल पारित होने के बाद जेडीयू के कुछ नेता अब विरोध कर रहे हैं यह सब ड्रामा है। जेडीयू में किसी भी नेता के पास इतनी साहस नहीं है कि वो नीतीश कुमार के खिलाफ जाएं। सत्ता में बने रहने के लिए नीतीश कुमार जी ने इस बिल पर समझौता कर लिया है।
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