Jharkhand Ropeway Accident: झारखंड के देवघर में हुए रोप-वे हादसे की जांच के लिए राज्य सरकार ने एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति का गठन कर दिया है। चार सदस्यीय इस समिति की अध्यक्षता वित्त विभाग के प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह करेंगे। यह समिति दो महीने में अपनी रिपोर्ट देगी । 10 अप्रैल को हुए रोप-वे हादसे में 3 लोगों की मौत हो गई थी। और करीब 48 लोग 40 घंटे से ज्यादा हवा में अटके हुए थे। तीन दिन तक चले बचाव अभियान में कुल 60 लोगों को बचाया गया था।
समिति में कौन लोग शामिल
झारखंड सरकार द्वारा बनाई गई समिति में वित्त विभाग के प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह के अलावा पर्यटन सचिव अमिताभ कौशल, राष्ट्रीय राजमार्ग और अवसंरचना विकास निगम और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी-आईएसएम), धनबाद द्वारा नामित प्रतिनिधि होंगे। झारखंड पर्यटन विभाग की एक अधिसूचना में कहा गया है कि समिति दो महीने में अपनी रिपोर्ट देगी और इसके अध्यक्ष घटना की जांच में मदद के लिए देश के किसी भी संस्थान के किसी भी विशेषज्ञ को आमंत्रित कर सकते हैं।
कैसे हुआ था हादसा
बीते 10 अप्रैल को देवघर जिले के त्रिकूट पर्वतीय क्षेत्र में रोप-वे पर चल रही केबल कारों के टकराने से यह हादसा हुआ था। जिसमें 48 लोग 40 घंटे से ज्यादा समय तक हवा में अटके रहे थे। बाद में सेना, आईटीबीपी और दूसरी टीमों की मदद से लोगों को हेलीकॉप्टर के जरिए बचाया गया था। तीन दिन तक चले बचाव अभियान में दो लोगों की मौत बचाव कार्य के दौरान हुई थी। एक व्यक्ति जहां हेलीकॉप्टर से हाथ छूटने से गिर गया था जबकि एक महिला की रस्सी टूटने से गिरकर मौत हो गई थी।
देवघर रोप-वे हादसे का हाई कोर्ट ने लिया स्वत: संज्ञान, 26 अप्रैल को करेगा सुनवाई
26 अप्रैल को हाईकोर्ट में सुनवाई
हादसे पर 26 अप्रैल को झारखंड हाई कोर्ट भी सुनवाई करेगा। कोर्ट इस मामले में जांच के आदेश दे चुका हैं। इसके तहत राज्य सरकार को हाई कोर्ट में सुनवाई के पहले हलफनामे के जरिए एक विस्तृत रिपोर्ट भी सौंपनी है। जिससे कि दुर्घटना के कारणों और दूसरी जरूरी चीजों का पता चल सके। इस बीच पीड़ितों के लिए झारखंड सरकार ने मुआवजे का ऐलान किया है। इसके तहत मृतकों के परिजनों को पांच लाख रुपये और घायलों को निशुल्क इलाज किया जाएगा।
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