Jignesh Mewani : गुजरात के निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवानी एवं 12 अन्य तीन महीने जेल एवं जुर्माने की सजा हुई है। विधायक मेवानी एवं अन्य को यह सजा 2017 की एक रैली मामले में हुई है। मेवानी और उनके साथियों ने बनासकांठा जिले में मेहसाणा से धनेरा तक 'आजादी मार्च' निकाला था। अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट जेए परमान राकांपा पदाधिकारी रेशमा पटेल एवं राष्ट्रीय दलित अधिकार मंच के कुछ सदस्यों सहित मेवाी एवं नौ अन्य को आईपीसी की धारा 143 के उल्लंघन का दोषी पाया। अदालत ने सभी 10 दोषियों पर एक-एक हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है।
गुजरात में जुलाई 2017 में बिना इजाजत निकाली थी रैली
जुलाई 2017 में बिना इजाजत 'आजादी मार्च' निकालने पर मेहसाणा पुलिस ने मेवानी एवं अन्य लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। मामले में 12 लोगों पर प्राथमिकी दर्ज हुई जिनमें से एक आरोपी की मौत हो गई जबकि एक अभी भी फरार है। मेवानी की मुश्किलें इन दिनों बढ़ गई हैं।
असम पुलिस ने किया था गिरफ्तार
करीब दो सप्ताह पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ ट्वीट करने पर असम पुलिस ने मेवानी को गुजरात के पालनपुर से गिरफ्तार किया। ट्वीट केस में जमानत मिलने के बाद उन्हें महिला पुलिसकर्मी पर हमला मामले में गिरफ्तार होना पड़ा। गिरफ्तारी के दूसरे मामले में उन्हें गत शनिवार को जमानत मिल गई। मेवानी को कोकराझार के कोर्ट में लंबित अपनी जमानत प्रक्रियाओं को पूरा करना पड़ा।
Jignesh Mevani महिला पुलिसकर्मी के साथ मारपीट मामले में जिग्नेश मेवानी को मिली जमानत
मेवानी ने पीएमओ पर लगाया आरोप
जमानत मिलने के बाद संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, मेवानी ने कहा कि वह सड़कों पर उतरेंगे और एक जून को गुजरात बंद सुनिश्चित करेंगे। मेवानी ने संवाददाताओं से कहा, 'असम पुलिस द्वारा मेरी गिरफ्तारी एक पूर्व नियोजित साजिश थी। यह एक विधायक के लिए प्रोटोकॉल और नियमों की घोर अवहेलना थी।' उन्होंने कहा, “यह मेरा आरोप है कि यह प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा रची गई साजिश है।
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