जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि कश्मीर मसला हल करने और रक्तपात रोकने के लिए पाकिस्तान और अन्य के साथ बातचीत करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।
पत्रकारों से उन्होंने कहा, "दोनों तरह से बातचीत शुरू करने की जरूरत है। अगर हम कहते हैं कि आतंकवाद पाकिस्तान प्रायोजित है तो उसके लिए भी पाक के साथ बातचीत करनी होगी जैसे (पूर्व पीएम अटल बिहारी) वाजपेयी ने किया था और आतंकवाद कम हो गया था। घुसपैठ कम हो गई थी।"
उन्होंने जोर देकर कहा- वहां "हर हितधारक से बात करना" और इस मुद्दे का हल तलाशना जरूरी है, ताकि लोग (चाहे वह बिहार का सैनिक हो, सीआरपीएफ का जवान हो या एएसआई मुश्ताक अहमद (जम्मू-कश्मीर पुलिस का) या आम आदमी हो या मुस्लिम (मुनीर) जो हिरासत में मारा गया) जान न गंवाएं।
मुफ्ती का पाकिस्तान से वार्ता करने से जुड़ा यह बयान ऐसे वक्त पर आया है, जब पुलवामा इलाके में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में सीआरपीएफ के एक जवान की गोली लगने से जान चली गई।
दरअसल, रविवार को दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले के गंगू में आतंकवादियों ने जवानों पर गोलीबारी कर दी थी, जिसमें सीआरपीएफ के एक सहायक उप-निरीक्षक शहीद हो गए थे। हमले के बाद पुलिस दल मौके पर पहुंच गया था और हमलावरों को पकड़ने के लिए अभियान शुरू कर दिया गया था।
इस बीच, सोमवार (18 जुलाई, 2022) को श्रीनगर में सीआरपीएफ जवानों ने दिवंगत सीआरपीएफ एएसआई विनोद कुमार को श्रद्धांजलि दी। श्रीनगर में सीआरपीएफ विशेष महानिदेशक दलजीत सिंह चौधरी ने बताया, "एक दुखद घटना में सीआरपीएफ के ASI विनोद कुमार शहीद हुए हैं, हमारा पूरा प्रयास रहेगा कि जिनके द्वारा ये घटना की गई है उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई हो।"
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