श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाला अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद भारत में अमेरिका के राजदूत केनेथ आई जस्टर समेत 16 देशों के राजनयिक मौजूदा स्थिति का मुआयना करने गुरुवार को श्रीनगर पहुंचे और वहां के स्थानीय लोगों से मुलाकात की। जम्मू-कश्मीर के स्थानीय लोगों ने पाकिस्तान के आरोपों को खारिज किया। विशेष दर्जा समाप्त किए जाने के बाद से पकिस्तान कहता आ रहा है कि जम्मू-कश्मीर में लोगों पर जुल्म ढाए जा रहे हैं, वहां मानवाधिकार उल्लंघन हो रहा है। स्थानीय लोगों ने 5 अगस्त के बाद से बिना खून-खराबे के स्थिति से निपटने के लिए मोदी सरकार की प्रशंसा की।
स्थानीय लोगों ने राजनायिकों से कहा कि कुछ कठिनाइयां हुई हैं लेकिन व्यवस्था बनाए रखना आवश्यक था। लोगों ने कहा कि पाकिस्तान आतंक फैलाने की कोशिश कर रहा है। उन लोगों ने जम्मू-कश्मीर में हत्याओं के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया और 16 देशों राजनयिकों से कहा कि आप पाकिस्तान पर दबाव बनाएं कि इस मामले में हस्तक्षेप न करें। साथ ही राजनायिकों से कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोग पाकिस्तान को एक इंच भी नहीं देंगे। दूतों ने देखा कि श्रीनगर की सड़कों पर सब कुछ सामान्य है। दुकानें खुली हैं और यातायात सामान्य है, श्रीनगर की गलियों में लोग सामान्य तौर पर आ रहे हैं जा रहे हैं।
दिल्ली में रहने वाले ये राजनयिक विशेष विमान में श्रीनगर के एयरपोर्ट पहुंचे, जहां नवगठित केंद्र शाषित प्रदेश के शीर्ष अधिकारियों ने उनका स्वागत किया। वे आज दिन में नवगठित केन्द्र शासित प्रदेश की शीतकालीन राजधानी जम्मू जाएंगे और रात में वहीं ठहरेंगे।
राजनयिकों के इस प्रतिनिधिमंडल में अमेरिका के अलावा बांग्लादेश, वियतनाम, नोर्वे,मालद्वीप, दक्षिण कोरिया, मोरक्को और नाइजीरिया के राजनयिक भी शामिल हैं। अधिकारियों ने बुधवार को बताया था कि ब्राजील के राजनयिक आंद्रे ए कोरिये डो लागो को भी जम्मू-कश्मीर आना था लेकिन पूर्वव्यस्तता के कारण उन्होंने मना कर दिया। यूरोपीय संघ के देशों ने भारत को अवगत करा दिया है कि वे जम्मू कश्मीर का दौरा किसी और दिन करेंगे।
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