2006 में बिडेन ने कहा था, '2020 में भारत-अमेरिका दुनिया के सबसे करीबी देश होंगे'

देश
आलोक राव
Updated Nov 05, 2020 | 16:34 IST

India America Relations: कुछ लोगों का मानना है कि बिडेन के नेतृत्व में भारत और अमेरिका के संबंध ज्यादा स्थायी और दूरगामी असर वाले होंगे जबकि कुछ लोगों की राय है कि बिडेन उदार एवं नरम रुख वाले हैं।

Joe Biden said-In 2020 two closet nations in world will be india and united states
भारत को अमेरिका का स्वाभाविक सहयोगी मानते हैं जो बिडेन।  |  तस्वीर साभार: AP
मुख्य बातें
  • भारत को अमेरिका का एक स्वाभाविक सहयोगी मानते हैं जो बिडेन
  • भारत-अमेरिकी संबंधों को नई ऊंचाई पर ले जाने का वादा किया है
  • जो बिडेन के पास है भारत के साथ काम करने का लंबा अनुभव

नई दिल्ली : अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेट पार्टी के उम्मीदवार जो बिडेन बहुमत का आंकड़ा पाने से चंद कदम दूर हैं। काउंटिंग के ट्रेंड इशारा करते हैं कि वह बहुमत का आंकड़ा (270) को आसानी से हासिल कर लेंगे। बिडेन को अमेरिका का अगला राष्ट्रपति बनना करीब-करीब तय माना जा रहा है। यह दीगर बात है कि राष्ट्रपति ट्रंप चुनाव को कोर्ट तक खींचकर ले गए हैं। 

भारत-अमेरिकी संबंधों पर चर्चा तेज हुई
अमेरिका के अगले राष्ट्रपति के रूप में बिडेन के उभरने के बाद भारत-अमेरिका संबंधों की चर्चा तेज हो गई है। हाल के वर्षों में भारत और अमेरिका काफी करीब आए हैं। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पिछले चार साल के शासन में यह रिश्ते नई ऊंचाई पर पहुंचे हैं और रक्षा क्षेत्र में अहम करार हुए हैं। आतंकवाद से लेकर चीन के साथ सीमा विवाद पर अमेरिका मजबूती के साथ भारत के साथ खड़ा हुआ है। 

पीएम मोदी के साथ कैसी रहेगी 'केमेस्ट्री'?
दोनों देशों को द्विपक्षीय रिश्तों को मजबूत बनाने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप की 'पर्सनल केमेस्ट्री' ने भी काम किया है। ऐसे में सवाल उठता है कि बिडेन यदि अमेरिका के राष्ट्रपति बनते हैं तो क्या पीएम मोदी का समीकरण उनके साथ भी वैसा रहेगा जैसा कि ट्रंप के साथ है। बिडेन के बारे में जानकारी रखने वाले लोगों की अलग-अलग राय है। 

ज्यादा स्थायी एवं दूरगामी वाले होंगे संबंध
कुछ लोगों का मानना है कि बिडेन के नेतृत्व में भारत और अमेरिका के संबंध ज्यादा स्थायी और दूरगामी असर वाले होंगे जबकि कुछ लोगों की राय है कि बिडेन उदार एवं नरम रुख वाले हैं। बिडेन सीएए, कश्मीर पर भारत सरकार के रुख की आलोचना कर चुके हैं। ऐसे में कुछ मुद्दों पर भारत को शायद वैसा समर्थन न मिले जैसा कि ट्रंप प्रशासन से मिलता रहा है। जानकारों की नजर में ट्रंप जहां 'बड़बोले' हैं, वहीं बिडेन को 'संयत एवं गंभीर' माना जाता है।  

रिश्ते को नई ऊंचाई पर ले जाने की बात कह चके हैं बिडेन
कुछ मुद्दों पर अलग रुख रखने के बावजूद बिडेन अपने चुनावी अभियान में भारत-अमेरिका संबंधों को नई ऊंचाई पर ले जाने की बात कह चुके हैं। पेसिडेंशियल बहस के दौरान ट्रंप ने जब भारत को 'गंदा' देश बताया तो बिडेन ने इसकी आलोचना की और कहा कि वे नई दिल्ली के साथ अमेरिका के संबंधों को और प्रगाढ़ बनाएंगे। 

भारत को मानते हैं स्वाभाविक सहयोगी
बिडेन भारत को एक 'नैसर्गिक सहयोगी' के रूप में देखते हैं। करीब 16 साल पहले 2006 में जब वह सीनेटर थे तब उन्होंने भारत के बारे में एक बड़ा बयान दिया था। एक इंटरव्यू में बिडेन ने कहा था, 'मेरा सपना है कि 2020 में भारत और अमेरिका दुनिया के सबसे करीबी देश होंगे। अगर ऐसा हुआ तो दुनिया सुरक्षित रहेगी।'

बिडेन के पास विदेश नीति का लंबा अनुभव 
ट्रंप के विपरीत बिडेन के पास अमेरिका की विदेश नीति का लंबा अनुभव है। वह अमेरिकी हितों से अच्छी तरह वाकिफ हैं। इतने वर्षों में वह भारत के साथ काम करते आए हैं। पोखरण परमाणु परीक्षण के बाद भारत पर लगे अमेरिकी प्रतिबंधों को हटवाने और असैन्य परमाणु करार कराने में भी उनकी भूमिका अहम रही है। 

कई मुद्दों पर जता चुके हैं असहमति
जम्मू-कश्मीर में मानवाधिकार उल्लंघन, सीएए, एनपीआर, राष्ट्रवादी एजेंडे पर बिडेन एवं कमला हैरिस के दिए गए बयान चुनाव प्रचार को जोड़कर देखा जा सकता है। इन मुद्दों का असर शायह दी दोनों देशों के संबंधों पर पड़ेगा। इस तरह के बयान अपने समाज के किसी खास तबके को आकर्षित करने के लिए दिए गए होंगे। 

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