नई दिल्ली: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने हाल ही में जॉनसन एंड जॉनसन की कोविड-19 वैक्सीन को आपातकालीन उपयोग के लिए मंजूरी दी है। ये सिंगल डोज वैक्सीन है, अभी जो वैक्सीन दी जा रही हैं, वो डबल डोज वैक्सीन हैं। ऐसे में कहा जा सकता है कि कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ लड़ाई में जॉनसन एंड जॉनसन वैक्सीन बहुत कारगर रहने वाली है।
अभी जो वैक्सीन दी जा रही हैं, उसकी दो डोज लेना आवश्यक है। दूसरी डोज के 15 दिन बाद जाकर शरीर में कोरोना के खिलाफ एंटीबॉडी विकसित होती है, ऐसे में कोरोना के खिलाफ लड़ाई लंबी खींच रही है। वहीं सिंगल डोज होने से इस लड़ाई में तेजी आएगी।
ज्यादा लोगों तक होगी पहुंच
'आकाशवाणी समाचार' के अनुसार, जीबी पंत अस्पताल के प्रोफेसर डॉ. संजय पांडेय ने इस वैक्सीन के संबंध में कहा है कि जॉनसन एंड जॉनसन की सिंगज डोज वैक्सीन है, जो अलग तरह से विकसित की गई है। अभी तक सभी वैक्सीन दो डोज की हैं, लेकिन इसकी एक डोज ही लगेगी। इस वैक्सीन के प्रयोग से कम समय में ज्यादा लोगों तक पहुंचा जा सकेगा। खास बात ये भी है कि इसकी प्रभाविकता भी अच्छी है।
फेज 3 के क्लिनिकल ट्रायल में काफी कामयाब
वहीं पीएचएफआई के अध्यक्ष डॉ. के श्रीनाथ रेड्डी ने कहा कि ये कंपनी पहले इबोला की वैक्सीन भी बना चुकी है जो काफी कामयाब रही थी। उसकी प्लेटफॉर्म का प्रयोग करते हुए उन्होंने कोरोना की सिंगल डोज वैक्सीन बनाई है। यह फेज 3 के क्लिनिकल ट्रायल में काफी कामयाब रही है। इस वैक्सीन को डब्ल्यूएचओ से अप्रूवल मिल चुका है और कई देशों ने भी इसे अप्रूवल दे दिया है। उम्मीद है कि भारत में भी आने वाले समय में यह बनाई जा सकती है। सिंगल डोज वैक्सीन होने की वजह से यह और तेजी से लोगों को लगाई जा सकती है।
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