भोपाल: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने एक बार फिर अपनी ही सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरने के संकेत दिए हैं। सिंधिया ने कहा कि यदि राज्य की कमलनाथ सरकार अपने वादों को पूरा करने में नाकाम रहती है तो फिर वह सड़कों पर उतरेंगे। इतना ही नहीं सिंधिया ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार के बाद सोच बदलने की भी जरूरत पर भी जोर देते हुए कहा कि हमें (कांग्रेस) बदलना होगा और लोगों के बीच नए दृष्टिकोण के साथ पहुंचना होगा।
घोषणापत्र हमारे लिए ग्रंथ
संत रविदास जयंती के अवसर पर जिले में कुडीला गांव में आयोजित एक जनसभा को सम्बोधित करते हुए सिंधिया ने कहा, ‘मेरे अतिथि शिक्षकों को मैं कहना चाहता हूं। आपकी मांग मैंने चुनाव के पहले भी सुनी थीं। मैंने आपकी आवाज उठाई थी और ये विश्वास मैं आपको दिलाना चाहता हूं कि आपकी मांग जो हमारी सरकार के घोषणापत्र में अंकित है वो घोषणापत्र हमारे लिए हमारा ग्रंथ है।’
शिक्षकों को कहा सब्र रखें
सिंधिया ने अतिथि शिक्षकों को धैर्य रखने की सलाह दी और कहा, ‘मैं आपको विश्वास दिलाना चाहता हूं कि आपकी मांग हमारे सरकार के घोषणापत्र में शामिल है और यह हमारा कर्तव्य है। आप धैर्य रखें। अगर घोषणा पत्र में सभी वादे पूरे नहीं होते हैं, तो सोचें कि आप अकेले नहीं हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया भी आपके साथ सड़कों पर उतरेगा।' सिंधिया ने शिक्षकों को भरोसा दिलाते हुए कहा 'सरकार अभी बनी है, एक वर्ष हुआ है। थोड़ा सब्र हमारे शिक्षकों को रखना होगा। बारी हमारी आयेगी, ये विश्वास, मैं आपको दिलाता हूं और अगर बारी न आये तो चिंता मत करो, आपकी ढाल भी मैं बनूंगा और आपका तलवार भी मैं बनूंगा।’
पहले भी कर चुके हैं अपनी सरकार की आलोचना
यह पहला मौका नहीं है जब सिंधिया ने अपनी ही सरकार पर निशाना साधा हो, वह पहले भी कई मौकों पर खुलकर अपनी ही सरकार की आलोचना कर चुके हैं। पिछले साल अक्टूबर में किसानों की कर्जमाफी को लेकर उन्होंने भिंड में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था, 'किसानों की कृषि ऋण माफी पूरी तरह से नहीं की गई है। केवल 50,000 रुपये का ऋण माफ किया गया है जबकि हमने कहा था कि 2 लाख रुपये तक का ऋण माफ किया जाएगा।'
Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।