नई दिल्ली: चीन के साथ सीमा पर तनाव के बीच भारतीय सेना ने लद्दाख सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर K9-वज्र स्वचालित हॉवित्जर रेजिमेंट को तैनात किया है। यह तोप लगभग 50 किमी की दूरी पर दुश्मन के ठिकानों पर हमला कर सकती है। इस पर सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने कहा कि ये तोपें ऊंचाई वाले इलाकों में भी काम कर सकती हैं, फील्ड ट्रायल बेहद सफल रहे। हमने अब एक पूरी रेजिमेंट जोड़ ली है, यह वास्तव में मददगार होगी।
भारत-चीन सीमा पर चल रहे गतिरोध की स्थिति पर सेना प्रमुख एमएम नरवणे ने कहा कि पिछले 6 महीनों में स्थिति काफी सामान्य रही है। हमें उम्मीद है कि अक्टूबर के दूसरे सप्ताह में 13वें दौर की वार्ता होगी और हम इस बात पर आम सहमति पर पहुंचेंगे कि 'डिसएंगेजमेंट' कैसे होगा। चीन ने हमारे पूर्वी कमान तक पूरे पूर्वी लद्दाख और उत्तरी मोर्चे पर काफी संख्या में तैनाती की है। निश्चित रूप से अग्रिम क्षेत्रों में उनकी तैनाती में वृद्धि हुई है जो हमारे लिए चिंता का विषय बना हुआ है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारत को एक हथियार निर्माण केंद्र और शुद्ध रक्षा निर्यातक बनाने की सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हुए रक्षा निर्माण में निजी क्षेत्र की सक्रिय भागीदारी का आह्वान किया है। पिछले साल अक्टूबर में गुजरात के हजीरा में लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी) आर्मर्ड सिस्टम कॉम्प्लेक्स से K9 वज्र-टी गन को हरी झंडी दिखाने के बाद सिंह ने कहा था कि भारत में 75 प्रतिशत से अधिक हॉवित्जर का निर्माण किया गया है। इस परिसर के माध्यम से 5000 से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार और 12,500 से अधिक अप्रत्यक्ष रोजगार मिला है। यह बहुत गर्व की बात है। उन्होंने सामरिक भागीदारी (एसपी) मॉडल के बारे में भी बात की जिसे रक्षा उत्पादन नीति में पेश किया गया है जिसके तहत निजी क्षेत्र लड़ाकू विमान, हेलीकॉप्टर, पनडुब्बी और बख्तरबंद वाहनों का निर्माण करने और वैश्विक दिग्गजों के रूप में उभरने में सक्षम होगा।
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