पानी में रहकर मगरमच्छ से दुश्मनी करना, ये कहावत बॉलीवुड की क्वीन कंगना रनौत पर सटीक बैठती है। बॉलीवुड में रहकर उसके खिलाफ बोलने की बात हो या फिर अब सुशांत सिंह की मौत के बाद महाराष्ट्र सरकार के रडार पर आने की। दोनों ही मामले में कंगना पर ये कहावत बिल्कुल फिट बैठती है। कुछ कहते हैं कि कंगना एक ऐसी शख्सियत हैं, जो अन्याय के खिलाफ बोलने से पीछे नहीं हटतीं। वहीं कुछ कहते हैं कि कंगना दूसरों के फटे में टांग अड़ाती हैं। कंगना के लिए दोनों तरह की बातें होती रहती है। वैसे हम यहां कंगना के चरित्र का न तो विश्लेषण करने बैठे हैं और न ही उनके खिलाफ या पक्ष में अपनी राय देने।
पहले बात कर लेते हैं शिवसेना नेता संजय राउत बनाम कंगना की
कहते हैं कि एक नेता दूसरे नेता की जड़ खोदने में लगा रहता है, लेकिन शिवसेना नेता संजय राउत की बात करें तो ये सत्य नहीं लगता। संजय राउत फिलहाल राजनीति छोड़ वो सब कर रहे हैं, जो उन्हें शायद नहीं करना चाहिए। संजय राउत हाथ धोकर, नहीं बल्कि नाहा-धोकर बॉलीवुड की एक अभिनेत्री के पीछे पड़ गए हैं। वो कंगना रनौत के पीछे कुछ इस तरह से पड़े हैं जैसे कंगना उनकी चिर-प्रतिद्वंदी हैं।
क्या है विवाद की जड़ की कहानी?
संजय राउत और कंगना आपस में कैसे भिड़ गए। ये बात थोड़ी अजीब लगती है। दोनों की विधाएं अलग हैं, एक-दूसरे के प्रतिद्वंदी भी नहीं हैं। फिर ऐसा क्या हुआ कि दोनों आपस में भिड गए। फसाद की शुरुआत की कहानी जाननी बहुत जरूरी है। सुशांत सिंह की मौत मामले में ड्रग्स एंगल के आने के बाद कंगना ने कहा कि ड्रग्स पर वो बयान देना चाहती हैं, लेकिन उन्हें मुंबई पुलिस पर भरोसा नहीं। उन्हें मुंबई पुलिस से डर लगता है। इतना ही नहीं कंगना ने मुंबई की तुलना पाक अधिकृत कश्मीर से कर दी। इसपर संजय राउत ने कहा कि अगर कंगना को मुंबई से डर लगता है तो वो यहां न आएं। इसपर कंगना की तरफ से प्रतिक्रिया सामने आयी कि वो मुंबई आएंगी किसी के बाप में दम है तो रोककर दिखाए। बस यहीं से संजय बनाम कंगना विवाद शुरू हुआ। संजय राउत ने अगले बयान में कंगना को हरामखोर तक कह दिया।
कंगना पर शब्दों के बाण चलाने के बाद राउत को मिला प्रमोशन
बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना पर शिवसेना सांसद संजय राउत ने शब्दों के बाण क्या चलाए कि उन्हें पार्टी ने प्रमोट कर दिया। संजय राउत को शिवसेना पार्टी का मुख्य प्रवक्ता बना दिया गया है। राउत और कंगना के वाद-विवाद से राउत को ये फायदा तो मिला। वैसे भी शिवसेना का मुंह पहले से ही संजय राउत थे।
कंगना का साफ बोलना उनकी मुसीबत बन गई
अक्सर देखा गया है कि फिल्म जगत के लोग इस तरह के मामलों में नहीं पड़ते। आजतक आमिर खान समेत कई बड़े सितारों ने सुशांत सिंह की मौत के बाद एक शब्द तक नहीं कहा, लेकिन कंगना का साफ तरह से बोल जाना ही उनकी मुसीबत बन गया है। कंगना का सुशांत सिंह केस में बॉलीवुड पर तीर चलाने के साथ ही मुंबई पुलिस की बखिया उधेड़ने और फिर राज्य की सत्ताधारी पार्टी का मुख्य हिस्सा शिवसेना को आड़े हाथों लेना भारी पड़ रहा है।
महा सरकार से पंगा लेते ही कंगना का ऑफिस हुआ सील
कंगना का सपना था कि जब वो प्रोडूसर बनेंगी तो उनका भव्य ऑफिस होगा। करोड़ों की लागत में कंगना का मुंबई में अनोखा ऑफिस बनकर तैयार हो भी गया। जबतक कंगना ने महाराष्ट्र सरकार से पंगा नहीं लिया था तबतक उनका ऑफिस हर नियम का पालन कर रहा था, लेकिन जैसे ही कंगना और राउत में ठनी, कंगना का ऑफिस BMC ने सील कर दिया। खार पश्चिम में बना कंगना का ये ऑफिस सील होते ही उनके सपनों पर भी सील का बड़ा सा ताला लगाता नजर आ रहा है।
कंगना रनौत के साथ अभी जो कुछ भी हो रहा है उससे तो एक बात साफ है कि कंगना का बेफिक्री अंदाज महाराष्ट्र सरकार को रास नहीं आ रहा है। जबतक कंगना महा सरकार खेमे से पंगा नहीं ली थीं उनका ऑफिस सही सलामत और वैध था, लेकिन जैसे ही पंगा लिया सारा गेम उल्टा पड़ गया। आज कंगना के मुंबई पहुंचने से पहले ही उनके ऑफिस के बाहर मुंबई पुलिस तैनात थी। कंगना के साथ हो रही एक-एक घटनाएं एक ही तरफ इशारा करती हैं कि कंगना का यूं बेफिक्र होना उनके अपनों के लिए उनकी फिक्र बढ़ा दिया है। साथ ही इन सब घटनाओं से साफ पता चलता है कि कंगना को मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र सरकार पर सवाल उठाने पर मिल रही है सजा।
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