Kangana Ranaut, Shiv Sena Controversy: शिवसेना से पंगा लेना क्या 'क्वीन' को पड़ा भारी, 3 को अदावत 9 को एक्शन

देश
ललित राय
Updated Sep 09, 2020 | 13:44 IST

70 एमएम की स्क्रीम पर कंगना रनौत के संवाद सुने होंगे। लेकिन अपने दफ्तर में तोड़फोड़ के बाद उन्होंने और आक्रामक अंदाज में शिवसेना पर निशाना साधा।

Kangana Ranaut, Shiv Sena Controversy: शिवसेना से पंगा लेना क्या 'क्वीन' को पड़ा भारी
कंगना रनौत और शिवसेना के बीच रिश्ते हुए तल्ख 

मुंबई। कंगना रनौत ने फिल्मी पर्दे पर अलग अलग किरदारों को जिया है। लेकिन मणिकर्णिका फिल्म उनके दिल के करीब लगती है। अगर ऐसा न होता तो शायद वो शिवसेना के साथ अदावत में लक्ष्मीबाई का जिक्र न करतीं। मुंबई पहुंचने से पहले उन्होंने ट्वीट के जरिए संदेश दे ही दिया था कि पंगा मत लेना। लेकिन शिवसेना की अगुवाई वाली सरकार ने बीएमसी की जेसीबी मणिकर्णिका के दफ्तर पर चला दी। एक तरफ जेसीबी चली तो दूसरी तरफ कंगना ने जोरदार अंदाज में ट्वीट के जरिए पाकिस्तान, बाबर की सेना और अपने दफ्तर को राम मंदिर की संज्ञा से नवाजा। उन्होंने कहा कि तोड़फोड़ के पीछे जो लोग हैं उनसे वो साफ कहना चाहती हैं कि राम मंदिर एक बार फिर बनेगा यानि कि जिस दफ्तर पर बीएमसी की जेसीबी मशीन चली है वो उनके इरादे को नहीं तोड़ पाएगी।  

विवाद की आगाज वाला दिन 3 सितंबर
कंगना रनौत का शिव सेना के साथ विवाद उनके एक बयान के बाद शुरू हुआ जिसमें उन्होंने मुंबई की तुलना पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) से कर दी। कंगना ने 3 सितंबर को ट्वीट किया, 'शिवसेना लीडर संजय राउत ने मुझे मुंबई नहीं आने की खुली धमकी दी। मुझे ऐसा क्यों महसूस हो रहा है कि मुंबई मानो पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर हो?'


कंगना के ट्वीट पर पलटवार
कंगना के इस बयान पर शिवसेना की तरफ से कड़ी प्रतिक्रिया आई। पार्टी प्रवक्ता संजय राउत ने कहा कि अगर मुंबई पीओके जैसा है तो उन्हें यहां नहीं आना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि अगर वो पीओके जाना चाहती हैं तो जाएं, खर्चा हम देंगे।

चार सितंबर को भड़कीं कंगना
 शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत के पीओके जाने वाले बयान पर कंगना रनौत भड़क गईं और कहा कि महाराष्ट्र किसी के बाप का नहीं है। और इसके बाद विवाद के केंद्र में बाप आ गया। दोनों के बीच शब्दों की लड़ाई कभी ट्वीट तो कभी जुबां के जरिए आती रही। 

5 सितंबर को बीएमसी मेयर मैदान में कूदीं
मामला अब शिवसेना के ऊपरी नेता तक ही नहीं सीमित रहा। देश की सबसे समृद्द निगम यानि बीएमसी की मेयर पेडणेकर ने कह दिया कि सच तो यह है कि कंगना को मुंबई में रहने का हक नहीं है। मेयर ने कहा कि मुंबई की प्रथम नागरिक होने के नाते मैं कंगना के बयान की कड़ी निंदा करती हूं। जिस मुंबई ने उन्हें इतना कुछ दिया, वह मुंबई और मुंबई पुलिस को बदनाम कर रही हैं। यह बर्दाश्त के बाहर वाली बात है। 

6 सितंबर
लेकिन दिलचस्प मोड़ तब आया जब कंगना ने 9 सितंबर को मुंबई आने का ऐलान कर दिया। उन्होंने ट्विटर पर ललकारा और अपनी भावना कुछ इस तरह व्यक्त की। मैं देख रही हूं कई लोग मुझे मुंबई वापस न आने की धमकी दे रहे हैं इसलिए मैंने तय किया है कि 9 सितंबर को मुंबई आऊंगी। मैं मुंबई एयरपोर्ट पर पहुंचकर टाइम पोस्ट करूंगी, किसी के बाप में हिम्मत है तो रोक ले।'

7 सितंबर
 कंगना के इस बयान के बाद बीएमसी के कुछ लोग कंगना की कंपनी मणिकर्णिका फिल्म्स के दफ्तर पर आ धमके। कंगना ने इस तरह के कृत्य पर कहा कि उनकी सारी जिंदगी की कमाई इसमें लगी है और उसे बर्बाद करने की कोशिश की जा रही है। 

इस तरह की खींचतान के बीच  केंद्र सरकार ने कंगना रनौत को Y+ सिक्यॉरिटी उपलब्ध करवा दी। इस पर कंगना रनौत ने केंद्र सरकार और गृह मंत्री अमित शाह का शुक्रिया कहा। कंगना ने कहा कि नारी शक्ति के लिए सम्मान की बात है। लेकिन 9 सिंतबर को मुंबई पहुंचने से पहले ही कंगना के दफ्तर पर बीएमसी की जेसीबी चल गई और इस पूरे केंद्र में पाकिस्तान, बाबर और राम मंदिर तक का जिक्र आ गया। इसका अर्थ यह है कि शिवसेना की तरफ से जवाबी वार आना ही है। 

Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।

अगली खबर