Umar Khalid bail : दिल्ली हिंसा मामले में जेल में बंद एवं जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद को कोर्ट से राहत नहीं मिली है। दिल्ली की एक अदालत ने उमर को जमानत पर रिहा करने की मांग वाली अर्जी खारिज कर दी है। उमर फरवरी 2020 में उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा में आरोपी है। उमर पर आरोप है कि हिंसा की व्यापक साजिश में वह शामिल रहा है। दिल्ली पुलिस ने जांच कर उसके खिलाफ पुख्ता सबूत कोर्ट में पेश किए हैं। इससे पहले कड़कड़डूमा कोर्ट ने बुधवार को जमानत अर्जी पर सुनवाई की लेकिन फैसला गुरुवार के लिए टाल दिया।
कोर्ट ने गुरुवार के लिए फैसला सुरक्षित रख लिया था
बुधवार को सुनवाई के दौरान उमर के वकील ने कोर्ट से कहा कि अभियोजन पक्ष ने जो सबूत पेश किए हैं वे साजिश में संलिप्तता साबित करने के लिए अपर्याप्त हैं। उत्तर पूर्वी दिल्ली हिंसा मामले में उमर और अन्य आरोपियों पर यूएपीए के तहत केस दर्ज हैं। तीन दिनों तक चली इस हिंसा में करीब 50 लोग मारे गए। इससे पहले गत तीन मार्च को कोर्ट ने सुनवाई करने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। संशोधित नागरिकता कानून और राष्ट्रीय नागरिकता पंजी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क गई थी।
'दिल्ली हिंसा की साजिश रचने वालों में उमर शामिल'
हिंसा की जब शुरुआत हुई तो अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत के दौरे पर थे। दिल्ली पुलिस का कहना है कि लोगों को हिंसा के लिए उकसाने एवं इसकी साजिश रचने में उमर खालिद की प्रमुख भूमिका थी। उसने अपने अन्य साथियों से मिलकर हिंसा की साजिश रची। पुलिस ने हिंसा मामले के अन्य आरोपियों के साथ फोन पर उमर की बातचीत का सबूत भी कोर्ट में रखा। उत्तर पूर्वी दिल्ली की इस हिंसा पर काबू पाने के लिए दिल्ली पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी। हालात को नियंत्रण में लाने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को सड़क पर उतरना पड़ा। डोभाल ने हिंसा ग्रस्त इलाकों का दौरा कर लोगों को सुरक्षा का भरोसा दिलाया।
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