हुबली: कोरोना संक्रमण के चलते पूरे देश में लॉकडाउन किया गया है और इस वजह से कई प्रवासी अपने घर से दूर दूसरी जगहों पर फंसे हुए हैं। ऐसा ही एक मामला कर्नाटक में आया है जहां एक 45 साल का बस कंडक्टर लॉकडाउन की वजह फंस गया लेकिन उसने पुलिस से बचते हुए घर जाने के लिए नदी का रास्ता चुना। यही उसकी सबसे बड़ी गलती रही और घर से महज एक किलोमीटर की दूरी पर नदी में डूबकर उसकी मौत हो गई।
कंडक्टर का काम करता था शख्स
मल्लप्पा बोम्मनांगी का शव कृष्णा नदीं में विजयपाड़ा जिले के नजदीक अमरगोल में मिला है। मल्लप्पा पिछले 12 साल से एनईकेआरटीसी बेल्लारी डिपो में काम कर रहा था। मंगलवार को जब वह अपनी पांच महीने की बेटी और पत्नी के साथ घर के लिए निकला तो एक चेकपोस्ट पर पुलिस ने उसे रोक लिया। दरअसल मल्लप्पा की पत्नी अपने मायके में थी और वह उन्हें लेकर अपने गांव जा रहा था जो वहां से लगभग 22 किलोमीटर दूर था।
पुलिस ने लॉकडाउन की वजह से नहीं दी इजाजत
मल्लप्पा किसी तरह बचते बचाते हुए एक गुड्स वाहन से दन्नूर पहुंचा और फिर वहां से दूसरे वाहन से तनगाडगी पहुंचा। यहां पुलिस ने उसे पकड़ लिया और लॉकडाउन के नियमों का हवाला देते हुए आगे जाने की इजाजत नहीं दी। मल्लप्पा का घर यहां से महज डेढ़ किलोमीटर दूर था। पुलिस ने कथित तौर पर मल्लप्पा को लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन करने को लेकर फटकार लगाई।
चुना जोखिम भरा रास्ता
बहस के बाद पुलिस ने उसकी पत्नी और पांच महीने की बच्ची को घर जाने की इजाजत दे दी लेकिन मल्लप्पा को नहीं दी। इसके बाद मल्लप्पा ने जान को जोखिम में डालते हुए नदीं में तैरकर घर जाने का फैसला किया ताकि पुलिस को भी पता ना चले। लेकिन इस दौरान उसकी नदी में डूबकर मौत हो गई। बाद में जब पुलिस ने तलाशी अभियान चलाया तो कुछ घंटे बाद नदी से उसका शव बरामद किया। इस बारे में पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई गई है।
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