क्या काशी महाकाल एक्सप्रेस में भगवान शिव के लिए आरक्षित है सीट? IRCTC ने बताई पूरी बात

देश
लव रघुवंशी
Updated Feb 17, 2020 | 15:51 IST

Kashi Mahakal Express: आईआरसीटीसी (IRCTC) ने उन खबरों को नकार दिया है, जिसमें कहा गया कि काशी महाकाल एक्सप्रेस में एक सीट भगवान शिव के लिए आरक्षित रहेगी।

Kashi Mahakal Express
काशी महाकाल एक्सप्रेस 

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 16 फरवरी को IRCTC की तीसरी प्राइवेट ट्रेन काशी महाकाल एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाई। यह ट्रेन इंदौर के निकट ओंकारेश्वर, उज्जैन में महाकालेश्वर और वाराणसी में काशी विश्वनाथ को जोड़ेगी। पीएम मोदी ने वाराणसी से ट्रेन को रवाना किया। इसे लेकर खबर आई कि इसमें एक सीट भगवान शिव के लिए आरक्षित है। कोच संख्या B-5 की सीट संख्या 64 भगवान शिव के लिए खाली की गई। इस सीट पर एक मंदिर भी बनाया गया।

लेकिन अब IRCTC ने इसे लेकर अलग बयान जारी किया है। उसने इस तरह की रिपोर्ट्स को नकार दिया है। बयान में कहा गया, 'नई काशी महाकाल एक्सप्रेस ट्रेन के कर्मचारियों ने अस्थायी रूप से श्री महाकाल की तस्वीरों को एक ऊपरी बर्थ पर 'पूजा' करने और नई परियोजना की सफलता के लिए आशीर्वाद लेने के लिए रखा है। यह उद्घाटन यात्रा के समय केवल एक बार के रूप में है।'

IRCTC ने आगे कहा, 'व्यावसायिक रूप से 20 फरवरी 2020 से शुरू होने वाली ट्रेन में इस उद्देश्य के लिए कोई आरक्षित या समर्पित बर्थ नहीं होगी।' 

कोच B-5 में सीट संख्या 64 बनी मंदिर!
इससे पहले खबर आई थी कि ट्रेन में भगवान शिव के लिए सीट आरक्षित करने ने नए विचार के बाद रेलवे प्रशासन इस पर विचार कर रहा है कि ट्रेन में स्थायी तौर पर भोले बाबा के लिए एक सीट आरक्षित की जाए। उत्तरी रेलवे के लिए प्रवक्ता दीपक कुमार ने PTI को बताया कि कोच संख्या बी5 की सीट संख्या 64 भगवान के लिए खाली की गई है। ऐसा पहली बार हुआ है जब एक सीट भगवान शिव के लिए आरक्षित और खाली रखी गई है। सीट पर एक मंदिर भी बनाया गया है ताकि लोग इस बात से अवगत हों कि यह सीट मध्य प्रदेश के उज्जैन के महाकाल के लिए है। उन्होंने कहा कि ऐसा स्थायी तौर पर करने के लिए विचार किया जा रहा है। 

वाराणसी से इंदौर के बीच सप्ताह में तीन बार चलने वाली इस ट्रेन में भक्ति भाव वाली हल्की ध्वनी से संगीत बजेगा और प्रत्येक कोच में दो निजी गार्ड होंगे और यात्रियों को शाकाहारी खाना परोसा जाएगा।

ट्रेन में भगवान शिव के लिए सीट आरक्षित करने को लेकर विवाद भी हो गया था। AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इसे लेकर पीएमओ को संविधान की प्रस्तावना ट्वीट कर दिया। 

इस तरह चलेगी ट्रेन
यह ट्रेन वाराणसी और इंदौर के बीच सप्ताह में दो दिन लखनऊ और कानपुर होकर जाएगी, जबकि एक दिन इलाहाबाद और कानपुर होकर जाएगी। ट्रेन संख्या 82401 वाराणसी से दोपहर 2 बजकर 45 मिनट पर रवाना होगी। प्रत्येक मंगलवार और गुरुवार को यह ट्रेन (82401) सुल्तानपुर, लखनऊ, कानपुर होते हुए इंदौर पहुंचेगी। वहीं 23 फरवरी, 2020 से ट्रेन संख्या 82403 प्रत्येक रविवार को वाराणसी से दोपहर 3 बजकर 15 मिनट पर रवाना होगी और जंघई, इलाहाबाद, कानपुर होते हुए इंदौर पहुंचेगी।

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