नई दिल्ली: 18 जुलाई से शुरू होने वाले मानसून सत्र में सीएम केसीआर ने केंद्र सरकार के जनता विरोधी पॉलिसी और विपक्षी राज्यो के प्रति उदासीन रवैये के खिलाफ युद्ध का बिगुल बजाया है। केसीआर सभी राज्यों में समान विचारधारा वाले दलों के साथ समन्वय करके जनविरोधी नीतियों पर मोदी सरकार के खिलाफ लड़ने के लिए मुहिम छेड़ दिया है। केसीआर विभिन्न दलों के विपक्षी नेताओं के साथ फोन पर बातचीत कर रहे हैं।
केसीआर ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से व्यक्तिगत रूप से फोन पर बात की। इसके अलावा सीएम केसीआर ने तमिलनाडु के सीएम स्टालिन के करीबी सहयोगियों से बात की। उन्होंने राजद नेता तेजस्वी यादव, उत्तर प्रदेश के विपक्ष के नेता अखिलेश यादव और राकांपा नेता शरद पवार और विपक्षी दलों के अन्य राष्ट्रीय नेताओं से भी बात की।
विपक्षी नेताओं के साथ ना सिर्फ मानसून सत्र में सरकार को घेरने की रणनीति पर चर्चा हुई बल्कि लोकतांत्रिक, धर्मनिरपेक्ष और संघीय मूल्यों की रक्षा के लिए विपक्ष कैसे बड़ी भूमिका निभाए इसपर भी चर्चा हुई। खास तौर से भारत में गहराते आर्थिक संकट पर केंद्र सरकार को बेनकाब करने के लिए केसीआर ने विपक्षी नेताओं के साथ रणनीति पर बात हुई। केसीआर के अनुसार सभी विपक्षी दल आगामी संसद सत्र में मोदी सरकार के खिलाफ सदन में लड़ाई लड़ेंगे ही साथ ही विपक्ष भाजपा सरकार के अलोकतांत्रिक शासन के विरोध में देशव्यापी विरोध प्रदर्शन करने और केंद्र के असली रंग को बेनकाब करने के लिए तैयार हो रहे हैं।
केंद्र सरकार के खिलाफ लोकतांत्रिक लड़ाई शुरू करने के सीएम केसीआर के प्रस्ताव पर विभिन्न राज्यों के नेता, सीएम और मुख्य विपक्षी दल के नेता सकारात्मक प्रतिक्रिया दे रहे हैं। केसीआर की कोशिश है कि जब विपक्षी दलों में एकता और समन्वय होगा तभी लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा और मोदी सरकार को झुकाया जा सकेगा। आज टीआरएस के सांसदों के साथ भी बैठक कर केसीआर संसद में सरकार को घेरने के लिए निर्देश देंगे।
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