राजद्रोह कानून के संबंध में सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने कहा कि इस कानून को खत्म कर देना सही नजरिया नहीं है। इस संबंध में कुछ बेहतर उपायों के साथ हम आगे बढ़ सकते हैं। बता दें कि आठ याचिकाओं पर मंगलवार को सुनवाई हुई थी। मंगलवार की जिरह में जब केंद्र सरकार के अधिवक्ता ने कहा कि वो किसी समय सीमा के बारे में नहीं बता सकते कि इसे कब समाप्त किया जाएगा तो अदालत का सवाल था कि जो पहले से लंबित मामले हैं उसके बारे में सरकार का रुख क्या है। आप कितने लंबे समय तक आरोपियों को जेल में रखेंगे। इस टिप्पणी के साथ ही अदालत ने सुनवाई 11 मई तक के लिए टाल दी थी।
केंद्र को बेंच पर ऐतराज
केंद्र सरकार ने इससे पहले राजद्रोह कानून (Sedition law) का बचाव किया था। सुप्रीम कोर्ट से इसे चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज करने का अनुरोध किया। चीफ जस्टिस एनवी रमना की अगुवाई वाली तीन जजों की बैंच सुनवाई कर रही है जिसस में जस्टिस सूर्यकांत और हेमा कोहली भी हैं। यह बैंच राजद्रोह पर अंग्रेज जमाने के कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है। केंद्र सरकार ने कानूनी सवाल पर एक हलफनामा दायर किया कि क्या याचिकाओं को 5 या 7 न्यायाधीशों की एक बड़ी पीठ को भेजा जाना चाहिए या वर्तमान तीन-न्यायाधीशों की बैंच इस सवाल पर फिर से विचार कर सकती है? वर्तमान में तीन जजों की बैंच इस सुनवाई कर रही है।
क्या है 124 ए
राजद्रोह कानून को चुनौती देने वाली याचिकाएं एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया और टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा समेत 5 पक्षों ने दायर की थीं।अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि कानून में राजद्रोह के दंडात्मक प्रावधान को बनाए रखने की जरूरत है और इसके दुरुपयोग को रोकने के लिए दिशा-निर्देश निर्धारित किए जा सकते हैं। आईपीसी की धारा 124A (राजद्रोह) बताती है कि जो कोई, शब्दों द्वारा, या तो बोले गए या लिखित, या संकेतों द्वारा, या दृश्य प्रतिनिधित्व द्वारा, या अन्यथा, घृणा या अवमानना की कोशिश करता है या उत्तेजित करता है या असंतोष को उत्तेजित करने का प्रयास करता है। उसे आजीवन कारावास से दंडित किया जाएगा, जिसमें जुर्माना जोड़ा जा सकता है, या कारावास जो तीन साल तक बढ़ाया जा सकता है, जिसमें जुर्माना जोड़ा जा सकता है, या जुर्माने के साथ सजा मिल सकती है।
Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।