नई दिल्ली : कोरोना महामारी की दूसरी लहर के कमजोर पड़ने और यात्रा प्रतिबंधों में ढील मिलने के बाद हिल स्टेशनों पर पर्यटकों की भारी भीड़ पहुंच रही है। शिमला, मसूरी, ऋषिकेश, मनाली और कुल्लू में बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंचे हैं। दरअसल, इन जगहों से जो तस्वीरें आई हैं उन्होंने सरकार की चिंता बढ़ा दी है। इन जगहों पर लोग सोशल डिस्टैंसिंग एवं कोविड उचित व्यवहार का पालन नहीं कर रहे हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना वायरस अभी गया नहीं है। यह वायरस अभी हमारे बीच मौजूद है। लापरवाही करने पर संक्रमण दोबारा तेजी से फैल सकता है।
बड़ी संख्या में कैम्पटी फॉल पहुंच रहे पर्यटक
सोशल डिस्टैंसिंग के नियम का उल्लंघन करने वाली एक ऐसा ही वीडियो बुधवार को मसूरी के कैम्पटी फॉल से आया। यहां बड़ी संख्या में लोग नहाने के लिए पहुंचे थे। इस दौरान यहां सोशल डिस्टैंसिंग का पालन नहीं हुआ। अब कैम्पटी फॉल में पर्यटकों की संख्या सीमित करने के लिए उत्तराखंड सरकार ने कदम उठाया है। टिहरी जिला प्रशासन के नए आदेश के मुताबिक अब यहां एक बार में अधिकतम 50 पर्यटकों को ही नहाने एवं जलक्रीड़ा की अनुमति दी जाएगी। इसके लिए उन्हें केवल आधे घंटे का समय मिलेगा।
टिहरी प्रशासन ने जारी किया नया आदेश
मसूरी के नजदीक स्थित कैंपटी फॉल उत्तराखंड के प्रमुख पर्यटक स्थलों में से एक है। लॉकडाउन में मिली छूट के बाद देश भर से बड़ी संख्या में पर्यटकों का उत्तराखंड पहुंचना जारी है। टिहरी प्रशासन को शिकायत मिली है कि कैम्पटी फॉल के झरने में नहाने के दौरान पर्यटक कोविड-19 संबंधी नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं, जिससे संक्रमण फैलने का खतरा है।
देश भर से उत्तराखंड पहुंच रहे सैलानी
मसूरी में कुलडी बाजार एवं मॉल रोड पर अक्सर भीड़-भाड़ रहती है। प्रशासन यहां भी भीड़ को नियंत्रित करने की सोच रहा है। उत्तराखंड के नैनीताल में भी पर्यटक काफी बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं। बुधवार को कैम्पटी झरने में सैकड़ों लोगों के एक साथ नहाते एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ। यहां कोई मास्क नहीं पहना था। पर्यटन स्थलों पर कोरोना प्रोटोकॉल का पालन नहीं किए जाने पर पिछले सप्ताह केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी चिंता जाहिर की।
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