नई दिल्ली: केरल में राम मंदिर निर्माण के लिए एक कांग्रेस विधायक को चंदा देना इतना महंगा पड़ा कि उन्हें इसके लिए ना केवल सफाई देनी पड़ी बल्कि माफी भी मांगनी पड़ी है। विधायक ने बकायदा वीडियो जारी कर खुद को सेकुलर बताते हुए मुस्लिम समाज से माफी मांगी है। सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) ने राम मंदिर निर्माण के लिए चंदा देने के लिए कांग्रेस विधायक एल्धोस कुन्नापिल्लै का पुतला जलाया है।
क्या है पूरा मामला
विधायक एल्धोस कुन्नापिल्लै ने 8 फरवरी को राम मंदिर निर्माण के लिए आरएसएस कार्यकर्ताओं को एक हजार रुपये का दान दिया। इसके बाद उनकी तस्वीर वायरल हो गई जिसमें वह जिसमें वह आरएसएस कार्यकर्ताओं को मंदिर निर्माण के लिए चंदा दे रहे थे। उस फोटो में उन्होंने हाथ में राम मंदिर की तस्वीर वाला एक कार्ड भी पकड़ा हुआ था। लेकिन बाद में पार्टी के दबाव में उन्होंने माफी मांगी और दावा किया कि उन्हें आरएसएस द्वारा गुमराह किया गया था और वह इस बात से अनजान थे कि दान राम मंदिर के लिए था। लेकिन विधायक की जो फोटो वायरल हुई थी उसमें उनके हाथ में राम मंदिर की फोटो साफ नजर आ रही थी। एसडीपीआई कार्यकर्ताओं ने विधायक के खिलाफ एर्नाकुलम के विभिन्न हिस्सों में प्रदर्शन किया था और नारेबाजी की थी।
आरएसएस द्वारा गुमराह किया
पेरुम्बवूर से विधायक कुन्नापिल्लै ने कहा कि कुछ लोगों ने मुझसे कुछ मंदिरों के लिए दान मांगने के लिए संपर्क किया, लेकिन यह नहीं बताया कि वे आरएसएस से थे और दान राम मंदिर के लिए था। एक फेसबुक वीडियो में, विधायक ने कहा कि उन्होंने कार्यकर्ताओं को 1000 रुपये दिए थे, लेकिन बाद में उन्होंने सभी को बताना शुरू कर दिया कि यह चंदा राम मंदिर निर्माण के लिए है। खुद को "धर्मनिरपेक्ष" (सेकुलर) व्यक्ति बताते हुए, विधायक ने आरएसएस को "नैतिक रूप से" राजनीति में शामिल होने की सलाह दी और मुस्लिम समुदाय से माफी मांगते हुए कहा कि मैं RSS के प्रोपेगेंडे पर दुख व्यक्त करता हूँ, अगर यह किसी भी समुदायों की धार्मिक भावनाओं को आहत करता है।
दिया सबरीमाला का हवाला
विधायक ने कहा था कि सबरीमाला के विरोध के दौरान, वह भक्तों के साथ खड़े थे क्योंकि उन्हें पता था कि यह उनकी पार्टी का स्टैंड है। उन्होंने आगे कहा कि जब मोदी सरकार ने सीएए लाने के बाद मुसलमानों को द्वितीय श्रेणी का नागरिक बनाने की कोशिश की थी तो उन्होंने विरोध प्रदर्शन और विभिन्न मार्च में हिस्सा लिया था।
आपको बता दें कि श्री राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट अयोध्या में भव्य मंदिर के निर्माण के लिए एक जन संपर्क और योगदान अभियान का संचालन कर रहा है, जो 15 जनवरी को शुरू हुआ और 27 फरवरी तक जारी रहेगा। राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट की स्थापना अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के अनुसार की गई थी।
Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।