कोच्चि: एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में, केरल में सोने की तस्करी के मामले में एनआईए ने एक आरोपी और भारत के मोस्ट वांटेड अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम कासकर और उसके गिरोह के बीच संबंध पाया है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की जांच में सामने आया है कि मामले में एक आरोपी ने तंजानिया का दौरा किया गया था, जहां 1993 के मुंबई धमाकों के अभियुक्त दाऊद का अच्छा खासा नेटवर्क है और वो हीरे का कारोबार और शस्त्रों की तस्करी करना चाहता है। एक विशेष एनआईए अदालत में एनआईए ने बुधवार को ये खुलासा किया।
एनआईए के एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, के.टी. रमीज और एम. शराफुद्दीन ने कई मौकों पर तंजानिया का दौरा किया और दाऊद के करीबी सहयोगी फिरोज 'ओएसिस' से मुलाकात की और देश में शस्त्रों की तस्करी के तरीकों पर चर्चा की। अधिकारी ने कहा कि रमीज ने हीरा कारोबार शुरू करने के लिए 2016 में तंजानिया का दौरा किया था। उसने 2017 में तंजानिया से यूएई तक एक किलो सोने की तस्करी भी की थी।
उन्होंने कहा कि रमीज को दुबई से लौटते समय नवंबर 2019 में कोझिकोड हवाई अड्डे पर 13 तस्करों के साथ पकड़ा गया था। रमीज पर आरोप लगाया गया था कि पलक्कड़ राइफल क्लब के लिए उसने बंदूकें लाई थीं। हालांकि, राइफल क्लब द्वारा आरोप से इनकार किया गया था। एनआईए के एक अन्य अधिकारी ने कहा कि वे रमीज के बारे में और जानकारी जुटा रहे हैं, क्योंकि वह सोने की तस्करी के साथ-साथ शस्त्रों की तस्करी से भी जुड़ा हुआ है।
केरल में सोने की तस्करी का मामला पहली बार तब सामने आया जब यूएई वाणिज्य दूतावास के एक पूर्व कर्मचारी पी.एस. सरिथ को सीमा शुल्क विभाग ने 5 जुलाई को गिरफ्तार किया था, जब वह दुबई से तिरुवनंतपुरम के लिए एक राजनयिक कंसाइनमेंट में 30 किलो सोने की तस्करी की योजना बना रहा था। अब तक इस मामले में 30 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। एनआईए के अलावा, ईडी, डीआरआई, कस्टम और आयकर विभाग भी जांच का हिस्सा हैं।
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