नई दिल्ली : लॉकडाउन के दौरान केरल के कुछ हिस्सों में रेस्तरां, यातायात में ढील दिए जाने के पिनरई विजयन सरकार के फैसले पर गृह मंत्रालय ने आपत्ति जताई है। गृह मंत्रालय ने केरल सरकार को लिखे पत्र में कहा है कि कुछ पाबंदियों में ढील देने से लॉकडाउन पर जारी केंद्र की गाइडलाइन का उल्लंघन होता है। सूत्रों का कहना है कि गृह मंत्रालय की 15 अप्रैल की गाइडलाइन पर भारत सरकार की ओर से केरल सरकार को पत्र लिखा गया है। बताया जा रहा है कि केरल सरकार अब इस बारे में अपना स्पष्टीकरण जारी करने वाली है।
बता दें कि केरल सरकार ने अपने दो क्षेत्रों में लॉकडाउन प्रतिबंधों में ढील देने की घोषणा की है। राज्य सरकार ने इन इलाकों में सोमवार से ऑड-ईवन फॉर्मूले के तहत वाहनों के आवागमन और रेस्तरां खोलने की इजाजत दी है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक केरल सरकार को लिखे पत्र में सरकार का कहना है कि रेस्तरां और किताबों की दुकानें खोलने का केरल सरकार का फैसला आपदा प्रबंधन एक्ट 2005 के तहत जारी गृह मंत्रालय के गाइडलाइन को हल्का करने वाला है।
केरल सरकार ने उन क्षेत्रों में जहां कोविड-19 के केस नहीं हैं, उन जगहों पर घरेलू नौकरों के कामकाज, नाई की दुकानें, सात बजे तक रेस्तरां में खाने, स्थानीय वर्कशॉप, इलेक्ट्रानिक्स रिपयेर की दुकानें खोलने की इजाजत दी है।
केरल के मुख्य सचिव टॉम जोस का कहना है कि बस यात्रा की इजाजत देने का यह मतलब नहीं है कि यह आम यातायात के लिए खुल गया है। मंत्री ने कहा कि यदि कुछ सरकारी या कारोबारी कामकाज की इजाजत दी गई है तो उन्हें सार्वजनिक परिवहन की जरूरत पड़ेगी क्योंकि सभी के पास अपना निजी वाहन नहीं है। ऐसे में संस्थानों को अपने कर्मचारियों को काम पर लाने और ले जाने के परिवहन की बसों का इंतजाम करना होगा। केरल सरकार ने कोविड-19 के असर वाले इलाकों को अलग-अलग हिस्सों में बांटा है।
राज्य सरकार ने कासरगोड़, कन्नूर, कोझिकोड़ और मल्लपुरम जिलों को रेड जोन में रखा है। इन इलाकों में तीन मई तक लॉकडाउन पूरी तरह से लागू रहेगा। केरल में सोमवार को कोरोना वायरस संक्रमण के दो मामले सामने आए थे जिसके बाद राज्य में संक्रमितों की संख्या 401 हो गई है जबकि स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि 13 लोग स्वस्थ हो चुके हैं।
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