Kerala HC : केरल हाई कोर्ट ने SDPI और PFI पर बड़ी टिप्पणी की है। पल्लकड़ में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के कार्यकर्ता संजीत की हत्या की जांच सीबीआई से कराने की मांग वाली अर्जी खारिज करते हुए हाई कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि इस बात में कोई संदेह नहीं है कि सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) और पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) चरमपंथी संगठन हैं और ये हिंसा के गंभीर मामलों में शामिल हैं। 'फिर भी ये प्रतिबंधित संगठन नहीं हैं।'
कोर्ट ने अपना फैसला 5 मई को दिया
इस मामले में कोर्ट ने अपना फैसला गत पांच मई को दिया था लेकिन यह सामने गुरुवार को आया। संजीत की पत्नी एस आर्षिका की ओर से दायर अर्जी को खारिज करते हुए जस्टिस के हरिपाल ने यह टिप्पणी की। आर्षिका ने अपनी अर्जी में कहा कि संजीत एलापल्ली के ठेनारी मंडलम में आरएसएस के सचिव थे और वह पीएफआई एवं एसडीपीआई की आंख का काटा बने हुए थे। ये दोनों संगठन चरमपंथी विचारधारा फैलाने में संलिप्त हैं।
'संजीत की हत्या बड़ी साजिश का परिणाम'
उन्होंने कहा, 'एसडीपीआई और पीएफआई अन्य समुदाय के लोगों को धमकाकर एवं लालच देकर इस्लाम धर्म कबूल करा रहे हैं।' संजीत की पत्नी का कहना है कि उसके पति की मौत एसडीपीआई एवं पीएफआई की एक बड़ी साजिश का परिणाम है लेकिन जांच एजेंसी ने इस हत्या मामले की उचित तरीके से जांच नहीं की। पुलिस का कहना है कि आरोपी एसडीपीआई के कार्यकर्ता हैं।
पुलिस ने कहा-हमने साजिश का पर्दाफाश किया
पुलिस ने कहा, 'एसडीपीआई कार्यकर्ता पर हमले का जवाब देने के लिए संजीत की हत्या हुई। आरोपियों की साजिश का हमने पर्दाफाश किया एवं हत्यारों की हमने पहचान की।' कोर्ट ने कहा कि सभी मुख्य आरोपी गिरफ्तार कर लिए गए हैं। बता दें कि पीएफआई पर देश में चरमपंथी विचारधारा बढ़ाने के आरोप लगे हैं और इस संगठन को प्रतिबंधित करने की मांग भी उठती रही है। हालांकि, पीएफआई अपने ऊपर लगे आरोपों से इंकार करता रहा है।
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