नई दिल्ली। कृषि कानूनों के मुद्दे पर किसान संगठनों के तेवर सख्त हैं। किसानों का कहना है कृषि कानूनों में संशोधनों से काम नहीं चलने वाला है सरकार को कृषि कानून समग्र रूप से वापस लेना होगा। इन सबके बीच 14 दिसंबर तक दिल्ली की सीमा पर डटे किसानों ने आंदोलन को और तेज करने का फैसला किया है।
किसान नेता गुरनाम सिंह चरुनी का कहना है कि किसानों की ट्राली को पंजाब से दिल्ली आने पर रोका जा रहा है। वो सरकार से अपील कर रहे हैं कि किसानों की ट्राली को दिल्ली आने दिया जाए। अगर सरकार किसानों की मांग नहीं 19 दिसंबर से पहले नहीं स्वीकार करेगी तो किसान गुरु तेग बहादूर जी की शहीदी दिवस से भूख हड़ताल पर बैठेंगे।
दिल्ली-जयपुर मार्ग बंद करने का ऐलान
संयुक्त किसान आंदोलन के नेता कमल प्रीत सिंह पन्नू, हजारों किसान रविवार सुबह 11 बजे राजस्थान के शाहजहाँपुर से ट्रैक्टर मार्च शुरू करेंगे और जयपुर-दिल्ली मुख्य मार्ग को अवरुद्ध करेंगे। हमारे देशव्यापी आह्वान के बाद, हरियाणा के सभी टोल प्लाजा आज मुक्त हैं।
बिल फाड़ दिया होता
राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के हनुमान बेनीवाल ने कहा कि जब कृषि कानून के बिल पास हुए तो मैं लोकसभा में मौजूद नहीं था। अगर मैं वहां होता, तो एनडीए का हिस्सा होने के बावजूद मैंने शिरोमणि अकाली दल की तरह इसका विरोध किया होता और इसे टुकड़ों में फाड़ दिया होता। उन्होंने कहा कि यह देश किसानों का है और कोई भी फैसला जो किसानों के खिलाफ होगा उसे किसी भी रूप में स्वीकार नहीं किया जा सकता है।
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