नई दिल्ली: मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन का मंगलवार सुबह मेदांता अस्पताल में निधन हो गया, वह 85 वर्ष के थे, लखनऊ के रहने वाले लालजी टंडन बीजेपी का बड़ा चेहरा थे, लंबे समय तक वो लखनऊ से सांसद रहे। टंडन का परिवार खासा बड़ा है वो अपने पीछे तीन बेटे, पत्नी और नाती पोतों को छोड़कर गए हैं, उनके बड़े बेटे आशुतोष टंडन 'गोपाल जी' हैं जो उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री भी हैं और खासे सक्रिय रहते हैं, वहीं लालजी टंडन के और दोनों बेटे राजनीति में ज्यादा सक्रिय नहीं हैं।
लालजी टंडन की लाइफ की बात करें तो टंडन का जन्म लखनऊ में हुआ था। उन्होंने कालीचरण डिग्री कॉलेज से स्नातक किया। लालजी टंडन ने 26 फरवरी 1958 को कृष्णा टंडन से शादी की, जिनसे उनके तीन बेटे हुए जिनके नाम क्रमश: आशुतोष टंडन ‘गोपाल जी’,सुबोध टंडन और अमित टंडन हैं वहीं आयुष और वंश उनके पौत्र हैं और कुंवर जी टंडन भतीजे हैं।
लालजी टंडन के सबसे बड़े बेटे आशुतोष टंडन 'गोपाल जी' राजनीति में सक्रिय हैं और उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं उन्होंने ही अपने पिता की विरासत को संभाल रखा है।
एक समय ऐसा था जब दिवंगत लालजी टंडन को मायावती राखी बांधती थीं बताते हैं कि 995 में हुए गेस्ट हाउस कांड में मायावती की जान बचाने में लालजी टंडन की भी बड़ी भूमिका थी जिसके बाद से मायवती लालजी टंडन को बहुत मान देने लगीं और अपना भाई मानती थीं साथ ही हर रक्षाबंधन को उन्हें राखी भी बांधती थीं, मायावती और लालजी टंडन का बहन-भाई का रिश्ता काफी चर्चा में रहा वहीं 2003 में बीजेपी और बसपा का गठबंधन टूटा तो मायावती ने लालजी टंडन को राखी बांधना छोड़ दिया था।
12 April 1935 को जन्मे लालजी टंडन एक भारतीय वरिष्ठ राजनीतिज्ञ तथा वर्तमान में मध्य प्रदेश के राज्यपाल थे,मूल रूप से उत्तर प्रदेश की राजनीति में सक्रिय रहने वाले टंडन प्रदेश की बीजेपीसरकारों में मंत्री भी रहे हैं।उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री रहे अटल बिहारी वाजपेयी के चुनाव क्षेत्र लखनऊ की कमान संभाली थी।
साल 2004 में लोक सभा के चुनाव की पूर्व संध्या पर अपने जन्म दिवस के अवसर पर साड़ी बाँट रहे थे जिसमे भगदड़ मच गई और 21 महिलाओं की मौत हो गई थी। बाद में इन्हे सभी आरोप से मुक्त कर दिया गया, 21 अगस्त 2018 को बिहार के राज्यपाल बनाया गया था, लालजी टंडन को सत्यपाल मलिक की जगह बिहार का गवर्नर बनाया गया था बाद में 20 जुलाई 2019 को मध्यप्रदेश का राज्यपाल नियुक्त किया गया था।
टंडन को पिछले महीने 11 जून को सांस लेने में दिक्कत, बुखार और पेशाब संबंधी समस्या के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनकी तबीयत खराब होने के कारण उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को मध्य प्रदेश का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया था। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने टंडन के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा, 'लालजी टंडन के निधन पर देश ने एक लोकप्रिय जन नेता, योग्य प्रशासक एवं प्रखर समाज सेवी को खो दिया है।' उत्तर प्रदेश सरकार ने तीन दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है।
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