नई दिल्ली। देश के चार राज्यों और एक केंद्रशासित प्रदेश में चुनाव का बिगुल बज चुका है और राजनीतिक दल अपने सैनिकों यानी प्रत्याशियों के नामों की घोषणा भी कर चुके हैं। सभी दलों के उम्मीदवारों में कुछ न कुछ खास है। लेकिन यहां पर हम एक महिला उम्मीदलार कलिता माझी के बारे में बताएंगे जो कई मायनों में खास हैं। कलिता माझी को बीजेपी ने पूर्वी बर्दवान जिले के औसग्राम से टिकट दिया है।
बर्तन मांजने से राजनीति तक का सफर
कलिता माझी, घरेलू सहायिका के तौर पर काम करती हैं और उसके लिए उन्हें 2500 रुपए की पगार मिलती है। बात अगर राजनीति की करें तो वो पिछले पांच साल से समाज सेवा के कार्य में सक्रिय थीं। वो खुद बताती हैं कि टिकट मिलने की उम्मीद नहीं थी। लेकिन जब उन्हें बीजेपी ने टिकट दिया तो वो एक पल को हैरान थीं। ये बात अलग है कि राजनीतिक चुनौती का सामना करने के लिए वो कमर कस कर चुनावी मैदान में हैं। इसके लिए उन्होंने एक महीने की छुट्टी भी ली हैं। बता दें कि उनके पति सुब्रतो माझी प्लंबर हैं।
कुछ ऐसी थी प्रतिक्रिया
कलिता मांझी को जब टिकट मिला तो उन्होंने अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा कि कभी सोचा नहीं था कि उन्हें इतना बड़ा अवसर मिलेगा। अब जबकि देश की सबसे बड़ी पार्टी ने उन्हें मौका दिया है तो वो पूरी शिद्दत के साथ प्रचार के जरिए लोगों से समर्थन देने की अपील करेंगी। जब उनसे पूछा गया कि चुनावी जीत हासिल करने के बाद पहला काम क्या करेंगी तो उस सवाल के जवाब में कहा कि वो जिस समाज से आती हैं उनके सामने बड़ी दिक्कत स्वास्थय की है। अगर वो चुनाव जीतने में कामयाब रहती हैं तो पहला काम अस्पताल बनवाने का करेंगी।
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