एक बार फिर संकट मोचक बने NSA अजीत डोभाल, रात 2 बजे चलाया 'ऑपरेशन मरकज'

देश
आलोक राव
Updated Apr 01, 2020 | 12:55 IST

Ajit Doval : सूत्रों की मानें तो बंगलेवाली मस्जिद को खाली कराना पुलिस एवं स्थानीय प्रशासन के लिए एक चुनौती बन गया था। मौलान साद इमारत खाली करने के लिए तैयार नहीं थे।

Know Inside details of 'Operation Markaz' NSA Ajit Doval speaks to Maulana Saad
मरकज निजामुद्दीन में बड़ी संख्या में कोरोना वायरस के संदिग्ध केस मिले हैं। 
मुख्य बातें
  • बंगलेवाली मस्जिद को खाली करने के लिए मौलाना साद तैयार नहीं हो रहे थे
  • स्थिति की गंभीरता को देखते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने एनएसए को सौंपी जिम्मेदारी
  • एनएसए अजीत डोभाल रात के दो बजे मरकज पहुंचे और मौलाना साद को भरोसे में लिया।

नई दिल्ली : कोरोना वायरस से संक्रमण के एक बड़े हॉटस्पॉट के रूप में मरकज निजामुद्दीन के उभरने के बाद दिल्ली एवं केंद्र सरकार की एजेंसियों हरकत में आ गईं थीं और उनकी कोशिश बंगलेवाली मस्जिद को खाली कराने की थी लेकिन मरकज के प्रमुख मौलाना साद अधिकारियों की बात सुनने के लिए तैयार नहीं थे। मौके की नजाकत एवं स्थिति की गंभीरता को देखते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ( एनएसए) अजीत डोभाल को मौके पर आना पड़ा। डोभाल ने मौलाना साद सहित मुस्लिम धर्मगुरुओं से बात की जिसके बाद इमारत को खाली कराया जा सका। 

सूत्रों की मानें तो बंगलेवाली मस्जिद को खाली कराना पुलिस एवं स्थानीय प्रशासन के लिए एक चुनौती बन गया था। मौलान साद इमारत खाली करने के लिए तैयार नहीं थे। बताया जा रहा है कि इसकी जानकारी जब गृह मंत्री अमित शाह के पास पहुंची तो उन्होंने इस काम की जिम्मेदारी एनएसए डोभाल को सौंपी। सूत्रों का कहना है कि एनएसए डोभाल 28-29 मार्च की रात करीब दो बजे मरकज पहुंचे और मौलाना साद से मुलाकात की।

इस दौरान डोभाल ने मौलाना को विश्वास में लिया और वहां मौजूद लोगों को कोविड-19 की जांच कराने के लिए राजी किया। डोभाल की इस पहल के बाद बंगलेवाली मस्जिद खाली हो सकी। बताया जा रहा है कि मरकज के धार्मिक कार्यक्रम में शरीक होने वाले लोगों में कोविड-19 से संक्रमण की पुष्टि होने की बात से गृह मंत्री अवगत थे और यहां की स्थिति पर वह करीबी नजर रख रहे थे। सुरक्षा एजेंसियों को गत 18 मार्च को पता चल गया था कि तेलंगाना के करीम नगर में इंडोनेशिया के नौ लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है और ये लोग मरकज के कार्यक्रम में शामिल हुए थे।

इस बीच दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया है कि मरकज निजामुद्दीन से अब तक 2361 लोगों को निकाला जा चुका है और इनमें से 617 लोगों में कोरोना वायरस से संक्रमित होने के लक्षण दिखे हैं। इन लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। शेष लोगों को क्वरंटाइन में रखा गया है।

सिसोदिया ने कहा, 'इलाके को खाली कराने के लिए 36 घंटे तक चले ऑपरेशन में हिस्सा लेने वाले लोगों को मैं धन्यवाद देना चाहता हूं।' दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा है कि दिल्ली में कोरोना वायरस से संक्रमण के अब तक 120 केस सामने आ चुके हैं। कुल 750 लोगों को दिल्ली के अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। इनमें से एक व्यक्ति वेंटिलेटर पर है।

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