Gyanvapi Masjid : ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे के तीसरे दिन वजूखाने में जो शिवलिंग मिला उसके बारे में ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी सहित मुस्लिम पक्ष यह दावा कर रहा है कि वह शिवलिंग नहीं बल्कि फव्वारा है। क्या वह वास्तव में फव्वारा है? इसे जानने के लिए टाइम्स नाउ नवभारत ने पुराने समय में मुस्लिम इंजीनियरिंग से बने फव्वारों की जांच की। यही नहीं चैनल ने पुरानी मस्जिदों के वजूखानों में मौजूद फव्वारों से भी इसकी तुलना की लेकिन कहीं से भी ये फव्वारे शिवलिंग की तरह नहीं दिखते। फव्वारों की बनावट और ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने में मिले शिवलिंग में बड़ा अंतर है।
फव्वारे और शिवलिंग की आकृति में अंतर होता है
एक दफे थोड़ी देर के लिए अगर यह मान भी लें कि यह शिवलिंग नहीं बल्कि फव्वारा है तो भी कई सवाल उठते हैं। इस्लामिक इंजीनियरिंग के बने फव्वारे और ज्ञानवापी मस्जिद में मिले शिवलिंग जिसे मुस्लिम पक्ष फव्वारा बता रहा है, दोनों की आकृति में बड़ा अंतर है। मुस्लिम इंजीनियर वाले फव्वारे जिसमें से पानी निकलता है, उसकी बनावट शिवलिंग जैसी नहीं है। कोलकाता की पुरानी एवं प्रसिद्ध नाखुदा मस्जिद में फव्वारा लगा है। अजमेर शरीफ में भी फव्वारा लगा है। इन सभी फव्वारों की आकृतियां अलग हैं और ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने में मिली आकृति से अलग हैं। दिल्ली के जामा मस्जिद का फव्वारा भी किसी ढांचे से ढंका हुआ नहीं है।
क्यों यह फव्वारा नहीं है, 4 वजह
नए वीडियो में नंदी और शिवलिंग एक सीध में
ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे से जुड़ा हर खुलासा टाइम्स नाउ नवभारत ने सबूतों के साथ दिखाया है। अब ज्ञानवापी मस्जिद का सबसे नया वीडियो सामने आया है जिसमें नंदी और शिवलिंग एक सीध में दिखे हैं। यानि कि जिस तरफ नंदी का मुंह है उसी तरफ मस्जिद का वजूखाना भी है। सनातन परंपरा के मुताबिक नंदी का मुख हमेशा शिवलिंग की तरफ होता है। इस नए वीडियो में वजूखाने पर बाहर से ताला लगा हुआ है। चैनल इस मामले से जुड़ा हर पहलू और तथ्य अपने दर्शकों तक पहुंचा रहा है। चैनल पहले तहखाने और उसकी तस्वीरें दिखा चुका है। सर्वे में वजूखाने को लेकर नया मामला सामने आया है।
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