IMD Weather Forecast: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और एनसीआर सहित देश के कई हिस्सों में पिछले तीन दिन से लगातार भारी बारिश हो रही है। शनिवार को भी बारिश का सिलसिला जारी रहा। एनसीआर में पिछले तीन दिन से लगातार हो रही हल्की व मध्यम बारिश के चलते कई जगहों पर जलजमाव के कारण यातायात प्रभावित हुआ है। लगातार हो रही बारिश के बाद भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने हाल ही में अलग-अलग संदेशों को दर्शाने के लिए एक अलग रंग की चेतावनी जारी की है जिनमें रेड, येलो, ऑरेंज और ग्रीन अलर्ट शामिल हैं।
जब भी मौसम की स्थिति लोगों के अनुकूल नहीं होती है, मौसम विभाग ऑरेंज, रेड येलो और ग्रीन अलर्ट जारी करता है। IMD के ऑरेंज, रेड और येलो अलर्ट में क्या अंतर है? यहां वह सब कुछ है जो आपको जानना आवश्यक है।
वर्ष 1875 में, भारत सरकार ने भारत मौसम विज्ञान विभाग की स्थापना की जो देश में सभी मौसम संबंधी कार्यों को एक केंद्रीय प्राधिकरण है। तब एच. एफ. ब्लैनफोर्ड को भारत सरकार में मौसम विज्ञान रिपोर्टर नियुक्त किया गया। IMD द्वारा कलर-कोडेड चेतावनियाँ जारी की जाती हैं। जब भी मौसम की स्थिति मानसून, बाढ़ या किसी चक्रवात की शुरुआत के लिए अनुकूल होती है। और इन चेतावनियों का मुख्य उद्देश्य गंभीर या खतरनाक मौसम से पहले लोगों को सचेत करना है ज्यादातर आईएमडी चार कलर कोड चेतावनी जारी करता है, ये चेतावनियां हैं:
यह अलर्ट मौसम की घटनाओं से जुड़ा है जो वर्तमान में अपेक्षाकृत कम नुकसान पहुंचा सकता है लेकिन प्रभाव पैदा करने की क्षमता रखता है। मौसम विभाग ज्यादातर तेज बारिश या चक्रवात में होने वाले खतरों से लोगों को जागरूक करता है, जैसे गरज, भारी बारिश, तेज हवाएं, गर्मी या ठंडी लहरें, और समुद्र में तूफान की स्थिति को लेकर यह जारी किया जाता है। इस तरह के अलर्ट के अंतर्गत ज्यादातर बारिश 7.5 से 15 मिमी तक रहने की संभावना होती है।
इस तरह के अलर्ट तब जारी किए जाते हैं जब बहुत भारी बारिश, भीषण गर्मी या शीत लहर होती है, या जब कोई प्रभावशाली तूफान आता है। इस तरह की स्थिति में लोगों को खुद को सुरक्षित रखने के लिए तैयार रहना चाहिए और अगर उनका क्षेत्र इस अलर्ट श्रेणी में आता है तो बाहर निकलने से पहले अच्छी तरह से योजना बनाएं। इसमें चक्रवाती हवा की स्पीड लगभग 65 से 75 किमी. प्रति घंटा होती है और 15 से 33 मिमी. की तेज बारिश होने की संभावना रहती है।
रंग एक 'अलर्ट' या 'तैयार रहें' को इंगित करता है। इस तरह के अलर्ट तब जारी किए जाते हैं जब बहुत भारी वर्षा, भीषण गर्मी या शीत लहर होती है, या जब कोई प्रभावशाली तूफान आता है। निवासियों को खुद को सुरक्षित रखने के लिए तैयार रहना चाहिए और अगर उनका क्षेत्र इस अलर्ट श्रेणी में आता है तो बाहर निकलने से पहले अच्छी तरह से योजना बनाएं।
यह एक स्पष्ट 'चेतावनी' है और 'कार्रवाई करने' का आह्वान है। इस तरह की चेतावनियां अक्सर अत्यधिक भारी बारिश, विनाशकारी हवाओं, अत्यधिक गर्मी या ठंड, गंभीर चक्रवात आदि से जुड़ी होती हैं। यदि आपके क्षेत्र में रेड अलर्ट है, तो आपको पर्याप्त तैयारी के बिना बाहर नहीं निकलना चाहिए और सुरक्षित रहने के लिए कार्रवाई करनी चाहिए। इसके तहत 24 घंटे में 200 मिमी तक बारिश होने की संभावना रहती है। जिन इलाकों या राज्यों के लिए यह अलर्ट होता है, वहां के प्रशासन को फायर ब्रिगेड, नेशनल डिजास्टर रेस्पॉन्स फोर्स (NDRF), रेलवे जैसे अन्य जरूरी कदम उठाने होते है।
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