नई दिल्ली : फवाद चौधरी एक बार फिर सुर्खियों में हैं। पुलवामा हमले पर फयाद के बयान के बाद भारतीय मीडिया में उनकी खूब चर्चा हो रही है। फवाद अपने विवादित बयानों के लिए अक्सर चर्चा में रहते आए हैं। उनके बयान कई बार पाकिस्तान की किरकिरी करा चुके हैं। इमरान खान सरकार में उन्हें विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालय की जिम्मेदारी मिली हुई है। विवादित बयानों के लिए उन्हें मंत्री पद से हटाए जाने की मांग भी कई बार उठ चुकी है। अपने बयानों के लिए फवाद सोशल मीडिया पर ट्रोल भी हुए हैं। आइए जानते हैं आखिर कौन हैं फवाद चौधरी-
सरकार में कई अहम पद पर रह चुचे हैं फवाद
इमरान खान की सरकार में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय का प्रभार संभालने से पहले फवाद के पास सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की जिम्मेदारी थी। अगस्त 2018 से वह नेशनल असेंबली के सदस्य हैं। वह पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी की कोर कमेटी में भी शामिल हैं। फवाद प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी एवं रजा परवेज शरफ की कैबिनेट में भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। राजनीति में आने से पहले वह पत्रकार थे। फवाद ने निओ न्यूज सहित पाकिस्तान के कई मीडिया संस्थानों में काम किया है। पाकिस्तान के दीना में जन्मे फवाद के पास वकालत की भी डिग्री है।
'पुलवामा हमला इमरान सरकार की सफलता'
फवाद ने गुरुवार को नेशनल असेंबली में बयान दिया कि 2019 के पुलवामा हमला पाकिस्तान ने कराया। उन्होंने कहा, 'पुलवामा में हम सफल हुए। पुलवामा की सफलता इस देश की सफलता है और यह कामयाबी इमरान खान की अगुवाई में देश को मिली है।' बता दें कि पुलवामा में 14 फरवरी 2019 को सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आत्मघाती हमले में 40 जवान शहीद हो गए। इस हमले की जिम्मेदारी आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली। अब पाकिस्तान के मंत्री फवाद हुसैन ने संसद में इस बात को स्वीकार कर लिया है कि यह हमला उनके देश ने कराया। इस बयान के बाद भारत ने पाकिस्तान पर हमला तेज कर दिया है।
विवादित बयान देते आए हैं फवाद
विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह का कहना है कि अब जब पाकिस्तान की संसद में इमरान सरकार ने मान लिया है कि पुलवामा उनकी सरकार की बड़ी कामयाबी थी तो इसका अर्थ यह है कि पाकिस्तान ने अपना हाथ होना भी स्वीकार कर लिया है। अब भारत ने कहा कि पाकिस्तान को ब्लैक लिस्ट में डाले जाने के बारे में विचार करना चाहिए। यह बयान देकर फवाद ने इमरान सरकार को मुश्किलों में डाल दिया है। हालांकि, यह पहला मौका नहीं है जब फवाद ने अपने बयान से पाकिस्तान की सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी की हैं। इसके पहले भी वह इमरान सरकार की किरकिरी करा चुके हैं। एक नजर डालते हैं फवाद के विवादित बयानों पर-
लाहौर के प्रदूषण के लिए भारत को बताया था जिम्मेदार
अक्टूबर 2019 में फवाद चौधरी ने लाहौर के प्रदूषण के लिए भारत को जिम्मेदार बताया था। उन्होंने अपने एक ट्वीट में कहा कि सीमा पार खेतों में पराली जाने की वजह से लाहौर में प्रदूषण का स्तर बढ़ गया है। दिल्ली से अमृतसर फसल के अवशेष जलाए जाते हैं जिसकी वजह से लाहौर में प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है। अपने इस ट्वीट पर फवाद ट्रोल हो गए। पाकिस्तानी लोगों ने उनसे कहा कि भारत को दोष देने से पहले उन्हें पहले अपने देश की हालत देखनी चाहिए।
चंद्रयान मिशन पर ट्वीट कर ट्रोल हुए
सितंबर 2019 में भारत का चंद्रयान मिशन असफल हो जाने पर भी फवाद ने ट्वीट किया था। इस ट्वीट पर भी वह बुरी तरह ट्रोल हुए। उन्होंने भारत को टैग करते हुए कहा, '..जो काम आता नहीं पंगा नई लेते ना...डियर इंडिया!' इस ट्वीट के लिए पाकिस्तानी नागरिकों ने उनकी खब खिंचाई की और उन्हें अपने अंतरिक्ष कार्यक्रम पर नसीहत दी। लोगों ने उनसे यह देखने के लिए कहा कि अंतरिक्ष की दुनिया में भारत कहां पहुंच गया है और पाकिस्तान कहां पर है।
इसके साथ ही लोगों ने एक फवाद का 2012 का एक पुराना ट्वीट भी निकाल लिया। फवाद ने अपने इस ट्वीट में कहा था, 'सही समय पर शादी और एक अच्छी पत्नी आपके कंप्यूटर का 40 जीबी जगह बचा लेती है।' फवाद का कहने का मतलब था कि व्यक्ति की शादी यदि सही समय पर 'अच्छी पत्नी' से हो जाती है तब 40 जीबी स्पेस की बचत होगी क्योंकि व्यक्ति को अश्लील सामग्री देखने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
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