UP: जानिए अचानक से नेताओं के लिए क्यों बढ़ गई है आजम खान की 'वैल्यू'? इस बात की खूब हो रही है चर्चा

देश
किशोर जोशी
Updated Apr 28, 2022 | 18:36 IST

Azam Khan News: समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आजम खान पिछले काफी समय से जेल में बंद है। यूपी विधानसभा चुनाव में सपा को मिली शिकस्त के बाद आजम खान फिर से चर्चा में हैं और तमाम नेता उनसे मिलने भी पहुंच रहे हैं।

Know why Azam Khan's 'value' has suddenly increased for politicians? There is a lot of discussion about this
जानें अचानक से नेताओं के लिए क्यों बढ़ गई है आजम की 'वैल्यू'  |  तस्वीर साभार: BCCL
मुख्य बातें
  • जेल में बंद आजम खान अचानक से सबके लिए बने 'हॉट केक'
  • सपा के अलावा तमाम राजनीतिक दलों के नेताओं ने जेल पहुंचक की आजम से मुलाकात
  • आजम के मीडिया सलाहकार लगा चुके हैं अखिलेश यादव पर गंभीर आरोप

Azam Khan News in Hindi:  आजम खान को एक समय यूपी सरकार का सबसे ताकतवर चेहरा माना जाता था। समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्यों में शुमार रहे आजम खान की गिनती उन नेताओं में होती है जिनका मुस्लिम वोट बैंक पर एक अच्छा खासा प्रभाव माना जाता है। हालिया विधानसभा चुनाव में लोकसभा सदस्य रहते हुए आजम खान ने रामपुर से विधानसभा चुनाव जीता जबकि उनके बेटे अब्दु्ल्ला आजम ने स्वार विधानसभा सीट पर शानदार जीत दर्ज की। विधानसभा चुनाव में हार के बाद राजनीतिक गलियारों में आजम को लेकर तरह-तरह की बातें होने लगी और सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव पर सवाल खड़े होने लगे।

जब आजम के मीडिया सलाहकार ने अखिलेश पर साधा निशाना

दरअसल यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बड़ा बयान दिया था। योगी ने अखिलेश को निशाने पर लेते हुए कहा कि अखिलेश यादव खुद नहीं चाहते हैं कि आजम खान बाहर आएं क्योंकि अखिलेश जी की कुर्सी खतरे में पड़ जाएगी। योगी के इस बयान की खूब चर्चा हुई और चुनाव के बाद कुछ समय पहले आजम के मीडिया सलाहकार ने एक बयान दिया तो सियासी भूचाल सा आ गया। फसाहत अली खान शानू ने योगी के बयान को ठीक ठहराते हुए कहा, 'मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की टिप्पणी सही थी कि अखिलेश यादव नहीं चाहते कि आजम खान (जेल से) बाहर आएं। हमने आपको और मुलायम सिंह यादव को यूपी का सीएम बनाया लेकिन आपने आजम खान को नेता प्रतिपक्ष नहीं बनाया। आप सिर्फ एक बार जेल में उनसे मिलने गए थे। आजम खां के जेल से बाहर न आने की वजह से हम लोग सियासी रूप से यतीम हो गए हैं. हम कहां जाएंगे, किससे कहेंगे और किसको अपना गम बताएं. हमारे साथ तो वो समाजवादी पार्टी भी नहीं है।'

जेल में मिलने के लिए नेताओं का लगा तांता

शानू के इस बयान पर अखिलेश यादव ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी लेकिन अन्य दलों के नेताओं ने न सिर्फ बयान दिए बल्कि जेल में आजम से मिलने के लिए नेताओं का तांता लग गया। सबसे पहले शिवपाल यादव आजम से मिलने सीतापुर की जेल पहुंचे जहां उनकी काफी देर तक आजम खान से बात हुई। इसके बाद आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी भी आजम से मिलने पहुंचे। कांग्रेस भी आजम से मिलने में पीछे नहीं रही और उसके नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने आजम से मिलने जेल पहुंचे और मुलाकात के बाद कहा कि वह अपने दोस्त से मिलने आए हैं। इन सभी ने सपा को एक संदेश देने की कोशिश की।

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सपा नेता से नहीं की मुलाकात!

इस बीच सपा के पूर्व विधान परिषद सदस्य और मंत्री रविदास मेहरोत्रा भी आजम से मिलने सीतापुर जेल पहुंचे लेकिन मिल नहीं पाए। कहा गया कि आजम ने उनसे मिलने से इंकार कर दिया। हालांकि मेहरोत्रा ने कहा कि जेल प्रशासन ने उन्हें आजम से नहीं मिलने दिया। लेकिन सवाल उठा कि अगर आजम सभी से मिले तो फिर रविदास से क्यों नहीं मिले, कहीं आजम जानबूझकर सपा को संदेश तो नहीं दे रहे हैं?  चर्चा इस बात की है कि आजम सपा को अलविदा कह सकते हैं।

आजम की वैल्यू

कहा जा रहा है कि आजम ईद तक जेल से बाहर आ सकते हैं, ऐसे में हर कोई आजम खान को अपनी तरफ करना चाहता है। आजम खान की यूपी की सियासत में क्या भूमिका है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि आजम खान का पश्चिमी यूपी के कई जिलों में अच्छा खासा प्रभाव है जहां 26 जिले हैं और इनमें 136 सीटें हैं। इन सीटों में 26 फीसदी से अधिक मुस्लिम हैं। इस बार के विधानसभा चुनाव में भी मुस्लिमों ने सपा को जमकर वोट दिया था और आजम खान के जिले में सपा का शानदार प्रदर्शन रहा।

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अखिलेश की चुप्पी पर सवाल

जब शिवपाल यादव आजम से मुलाकात कर जेल से निकले तो उन्होंने अखिलेश पर योगी वाला ही आरोप लगा दिया और कहा कि मुलायम सिंह तक ने आजम की रिहाई को लेकर संसद में कोई आवाज नहीं उठाई। वहीं कांग्रेस नेता शाहनवाज आलम ने भी इसी तरह का आरोप लगाते हुए कहा कि  मुलायम परिवार भ्रष्टाचार में डूबा हुआ है, इसलिए आजम खान कि रिहाई की कोशिश नहीं कर रहा है।

क्या करेंगे आजम

आजम खान करीब ढाई साल से जेल में बंद हैं औऱ अखिलेश यादव उनसे मुलाकात करने केवल एक बार जेल पहुंचे। जेल में रहते हुए भी भारी मतों से जीतने वाले आजम पर ओवैसी से लेकर चंद्रशेखर और कांग्रेस तक की नजर है। आजम को लेकर सबका अपना अपनी गणित है क्योंकि वह यूपी की राजनीति में सबसे प्रमुख मुस्लिम चेहरा हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आजम जेल से बार आने के बाद क्या फैसला लेते हैं।

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