नई दिल्ली: केरल के कोझिकोड में हुए विमान हादसे में रामशाद नाम के एक शख्स, उसकी गर्भवती पत्नी और चार साल की बेटी बच गए। हालांकि उन्हें मामूली चोटें आई हैं। अपना अनुभव बताते हुए उन्होंने कहा कि मुझे डर था कि विमान में विस्फोट हो जाएगा और मैं अपने परिवार के साथ सुरक्षा के लिए दौड़ रहा था। यह एक चमत्कार है कि हम बच गए। मैं इसके लिए सर्वशक्तिमान को धन्यवाद देता हूं।
रामशाद ने आगे बताया, 'केबिन के सामान के टुकड़े मेरी बेटी पर गिर गए। मैं किसी तरह उठकर उसे ले गया। मेरी पत्नी भी शुरुआती झटकों के बाद उठी। हम विमान के विंग तक पहुंचने में सफल रहे और कूद गए। हमारे चारों ओर रोने की आवाजें थीं और बिल्कुल अराजकता फैली हुई थी।'
7 अगस्त की रात दुबई से कोझिकोड पहुंची एअर इंडिया एक्सप्रेस की उड़ान ‘टेबलटॉप रनवे’ पर उतरते समय दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी जिसमें दो पायलटों सहित 18 लोगों की मौत हो गई थी। विमान दो हिस्सों में बंट गया था और इसका एक हिस्सा 35 फुट गहरी खाई में जा गिरा था। इसमें चालक दल के छह सदस्यों सहित 190 लोग सवार थे।
इससे पहले केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) के एएसआई अजीत सिंह जो प्लेन क्रैश के चश्मदीद गवाह हैं, उन्होंने घटना का वर्णन किया। उन्होंने बताया, 'मैंने एअर इंडिया एक्सप्रेस के विमान को पैरामीटर रोड की ओर गिरते देखा।' अजीत सिंह ने कहा कि मैं 7:30 पर तीसरे राउंड पर निकला, मैं इमरजेंसी गेट पर पहुंचा। मैंने देखा का एअर इंडिया की एक फ्लाइट का बैंलेंस बिगड़ गया है और वो पैरामीटर रोड की ओर नीचे की ओर गिर रहा है। मैंने कंट्रोल रूम को कॉल किया, जब तक वो गिर चुका था।
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