नई दिल्ली : अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) से पाकिस्तान को एक बार फिर झटका लगा है। आईसीजे के प्रेसीडेंट अब्दुलकवी अहमद युसूफ ने जाधव केस में अपने फैसले से संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) को अवगत कराया है। उन्होंने यूएनजीए को बताया है कि जाधव केस में पाकिस्तान ने वियना संधि के अनुच्छेद 36 के प्रावधानों का उल्लंघन किया है और जाधव को उनके कानूनी उपचारों से वंचित रखा। युसूफ ने बताया है कि पाकिस्तान ने कुलभूषण के साथ भारतीय राजनयिकों की मुलाकात वियना संधि के अनुरूप नहीं होने दी है।
गत सितंबर में भारतीय राजनयिक की मुलाकात जाधव के साथ हुई लेकिन इस मुलाकात के समय पाकिस्तानी सुरक्षाबलों के लोग वहां मौजूद थे। आईसीजे ने वियना संधि के अनुरूप जाधव को कॉन्सुलर मदद नहीं देने पर पाकिस्तान की कड़े शब्दों में आलोचना की है। आईसीजे ने कहा है कि पाकिस्तान ने जो वादा किया उसे पूरा नहीं किया है। बता दें कि भारत ने कम से कम 20 बार जाधव को कॉन्सुलर पहुंच देने की मांग की लेकिन पाकिस्तान ने हर बार भारत के अनुरोध को ठुकरा दिया। इसके बाद भारत ने आईसीजे का दरवाजा खटखटाया। जाधव केस की सुनवाई पूरी होने के बाद आईसीजे ने जाधव की फांसी की सजा पर रोक लगाते हुए वियना संधि के प्रावधानों के अनुरूप उन्हें कॉन्सुलर मदद देने का आदेश सुनाया।
आईसीजे के आदेश के बाद पाकिस्तान शर्तों के साथ जाधव को कॉन्सुलर मदद देने के लिए तैयार हुआ लेकिन भारत ने इसका विरोध किया। बाद में पाकिस्तान बिना शर्त जाधव को कॉन्सुलर मदद देने पर राजी हुआ। गत 2 सितंबर को पाकिस्तान में किसी अज्ञात समय पर भारतीय डिप्टी हाई कमिश्नर गौरव अहलुवालिया ने जाधव की मुलाकात की। यह मुलाकात करीब 2.30 घंटे तक चली लेकिन इस मुलाकात के दौरान पाकिस्तानी नागरिक और सुरक्षाबल के लोग मौजूद थे।
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