आशीष मिश्रा की जमानत सुप्रीम कोर्ट ने की रद्द, एक हफ्ते के अंदर करना होगा सरेंडर

Ashish Mishra Bail Cancel: लखीमपुर हिंसा के आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर करते हुए उन्हें एक हफ्ते के भीतर सरेंडर करने का आदेश दिया है।

Lakhimpur Kheri Case Supreme Court cancels Ashish Mishra's bail, will have to surrender within a week
आशीष मिश्रा की जमानत सुप्रीम कोर्ट ने की रद्द, एक हफ्ते के अंदर करना होगा सरेंडर 
मुख्य बातें
  • केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के बेटे आशीष मिश्र की जमानत हुई रद्द
  • सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को पलटते हुए की अहम टिप्पणी
  • लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में मुख्य आरोप है आशीष

Ashish Mishra Bail Cancel: केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है। आशीष मिश्रा की जमानत को कोर्ट ने रद्द कर दिया है और अभ एक सप्ताह के अंदर आशीष को सरेंडर करना होगा। आशीष लखीमपुर हिंसा केस का मुख्य आरोपी है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आशीष मिश्रा को जमानत दे दी थी लेकिन कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को पलटते हुए अहम बातें भी कहीं है।

जज ने कही ये बात

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इलाहाबाद हाई कोर्ट को नए सिरे से जांच करना चाहिए कि आशीष मिश्रा को जमानत मिलनी चाहिए या नहीं। जस्टिस सूर्यकांत ने सुनवाई के दौरान कहा, 'हमने तीन प्रश्न तैयार किए हैं। क्या जमानत देकर इस तरह के प्रासंगिक सबूतों की अनदेखी की और क्या हाईकोर्ट का आदेश अवैध था? पीड़ितों को नहीं सुनना हाईकोर्ट की ओर से गलत था और हाईकोर्ट ने कई अप्रासंगिक विचारों को ध्यान में रखा।' कोर्ट ने कहा कि जांच चल रही है, सुनवाई शुरू नहीं हुई है। कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश को बरकरार नहीं रखा जा सकता है, इसे अलग रखा जा रहा है। इसके बाद कोर्ट ने जमानत बांड रद्द करते हुए एक सप्ताह के भीतर आशीष मिश्रा को सरेंडर करने का आदेश दिया।

कोर्ट ने उठाए थे सवाल

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने आशीष मिश्रा की जमानत याचिका मंजूर करने के इलाहबाद उच्च न्यायालय के आदेश पर सवाल उठाए थे और कहा था कि जब मामले की सुनवाई अभी शुरू होनी बाकी है औऱ कोर्ट ने अतर्कसंगत तथ्यों पर विचार किया और आरोपी को जमानत देने में गैर जरूरी जल्दबाजी दिखाई। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि तो पोस्टमार्टम रिपोर्ट और चोटों की प्रकृति जैसी अनावश्यक बातों पर गौर नहीं किया जाना चाहिए। विशेष पीठ ने इस तथ्य का कड़ा संज्ञान लिया था कि राज्य सरकार ने न्यायालय द्वारा नियुक्त विशेष जांच दल (एसआईटी) के सुझाव के अनुसार उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ याचिका दायर नहीं की। राज्य की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी ने कहा कि आरोपी के देश से बाहर जाने की आशंका नहीं है और उसकी कोई आपराधिक पृष्ठभूमि नहीं रही है।

हुई थी लोगों की मौत

इससे पहले उनकी जमानत अर्जी कई बार खारिज हो चुकी थी। आशीष को जमानत मिलने पर विपक्षी पार्टियों ने राज्य सरकार पर सवाल उठाए। आपको बता दें कि किसानों का एक समूह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता केशव प्रसाद मौर्य के दौरे के खिलाफ पिछले साल तीन अक्टूबर को प्रदर्शन कर रहा था और तभी लखीमपुर खीरी में एक एसयूवी (कार) ने चार किसानों को कथित तौर पर कुचल दिया था। इससे गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने भाजपा के दो कार्यकर्ताओं और एक चालक को कथित तौर पर पीट-पीट कर मार डाला और इस हिंसा में एक स्थानीय पत्रकार की भी मौत हो गई थी।

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