Lakhimpur Kheri Case: 3 अक्टूबर से 9 अक्टूबर तक लखीमपुर खीरी में क्या कुछ हुआ, इनसाइड स्टोरी

देश
ललित राय
Updated Oct 09, 2021 | 12:13 IST

लखीमपुर हिंसा केस का मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा क्राइम ब्रांच के सामने पेश हो चुके हैं। बता दें कि इस केस में सुप्रीम कोर्ट ने खुद संज्ञान लिया था।

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3 अक्टूबर से 9 अक्टूबर तक लखीमपुर खीरी में क्या कुछ हुआ, इनसाइड स्टोरी 
मुख्य बातें
  • आरोपी आशीष मिश्रा, क्राइम ब्रांच के सामने हुए पेश
  • सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को लगाई थी जबरदस्त लताड़
  • तीन अक्टूबर को हुई हिंसा में कुल चार किसानों की जीप द्वारा कुचले जाने से हुई थी मौत

यूपी की राजधानी लखनऊ से करीब 150 किमी दूर लखीमपुर खीरी है। तराई के इलाके में आने वाला यह जिला आमतौर पर शांत है। लेकिन दिल्ली की सीमा पर किसान आंदोलन की तपीश को इस जिले के कुछ इलाके महसूस कर रहे थे जिसमें बलवीरपुर और तिकुनिया प्रमुख हैं। बलवीरपुर का संबंध गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा और उनके बेटे आशीष मिश्रा से है और तिकुनिया 3 अक्टूबर की हिंसा के बाद चर्चा में आया जिसमें 9 लोग मारे गए थे। चार की मौत कार द्वारा कुचलने से हुई जबकि पांच लोग भीड़ की हिंसा का शिकार हो गए। शायद यह मामला सामान्य रहा होता। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ क्योंकि जीप से कुचले जाने वाले किसान थे और जिस जीप ने कुचला वो गृह राज्य मंत्री के बेटे की थार थी।

3 अक्टूबर
तीन अक्टूबर की दोपहर में हिंसा के बाद सियासत भी गरमा गई। सभी दलों के नेता लखीमपुर खीरी के लिए रातों रात कूच कर गए। बहुत लोगों को रास्ते में ही रोक दिया गया। लेकिन कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी किसी तरह सीतापुर के हरगांव तक पहुंचने में कामयाब रहीं। लेकिन प्रशासन ने उन्हें तीखी बहस के बाद हिरासत में ले लिया। तीन तारीख की रात में ही यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ गोरखपुर का दौरा छोड़कर लखनऊ आए और खुद डैमेज कंट्रोल में लग गए। शासन के आला अधिकारियों को मौके पर भेजा गया



4 अक्टूबर
घटना के बाद से तरह तरह के वीडियो सामने आने लगे और गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा के बेटे का नाम उछलने लगा कि जिस जीप ने कुचला उस जीप में आशीष मिश्रा मौजूदे थे। लेकिन आशीष मिश्रा की तरफ से सफाई दी जाने लगी कि तिकुनिया में नहीं बल्कि अपने बाबा की स्मृति में दंगल आयोजित करवा रहे थे।  आशीष मिश्रा द्वारा खुद को पाक साफ बताने वाले बयानों के बाद लखीमपुर खीरी का माहौल गरम था। राकेश टिकैत के नेतृत्व में किसानों  और सरकार के बीच पीड़ित परिजनों को 45 लाख, एक सरकारी नौकरी और आरोपियों की गिरफ्तारी पर समझौता हो गया। लेकिन 5 अक्टूबर को एक वीडियो आया जिसके बाद माहौल गरम हो गया। 

5 अक्टूबर
पांच अक्टूबर को राहुल गांधी दिल्ली से लखीमपुर खीरी के लिए निकले और प्रियंका गांधी के साथ पीड़ित परिवारों से मिले और नरेंद्र मोदी, योगी आदित्यनाथ सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि उनकी लड़ाई गृह राज्य मंत्री के इस्तीफे तक जारी रहेगी। इस बीच किसान परिवार मांग पर एक डेड बॉडी का दोबारा पोस्टमार्टम कराया गया। पांच अक्टूबर को ही राकेश टिकैत ने कहा कि अगर तय समय सीमा में मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा। 

6 अक्टूबर
6 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में संज्ञान लिया और सात तारीख को सुनवाई का दिन मुकर्रर किया और उसी दिन सभी दलों के नेताओं को लखीमपुर खीरी जाने की अनुमति दे दी गई। सपा, बसपा, शिरोमणि अकाली दल, टीएमसी से लेकर अलग अलग दल के नेता मौके पर पहुंचे और गृहराज्यमंत्री के बेटे की गिरफ्तारी के साथ साथ उनके इस्तीफे का मांग करने लगे। हालांकि गृह राज्यमंत्री आशीष मिश्रा टेनी कहते रहे कि उनका बेटा निर्दोष हैं। 

7 अक्टूबर
सात अक्टूबर की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को लताड़ लगाई और कहा कि इस मामले की जांच किस तरह हो रही है, यूपी पुलिस ने अब तक इस केस में क्या कुछ किया है आठ अक्टूबर तक स्टेटस रिपोर्ट सौंपे। सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद शाम होते होते दो लोगों की गिरफ्तारी हुई और मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा के खिलाफ नोटिस जारी किया गया कि वो आठ अक्टूबर को सुबह 10 बजे तक पेश हों। 
8 अक्टूबर
आठ अक्टूबर को 10 बजे तक आशीष मिश्र क्राइम ब्रांच के सामने पेश नहीं हुए। उस दिन सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई तो अदालत ने यूपी सरकार पर ना सिर्फ तंज कसा बल्कि झिड़की लगाई। अदालत ने पूछा कि क्या 302 के मुजरिम से यह कहा जाता है कि आप आइए प्लीज। 302 के आरोपी को तो सामान्य तौर पर कस्टडी में लिया जाता है। अदालत ने इसके अतिरिक्त और कड़े बयान दिए। अदालती झिड़की के बाद दोपहर में क्राइम ब्रांच की तरफ से दूसरी नोटिस चस्पा कर 9 अक्टूबर को 11 बजे तक पेश होने के निर्देश दिए गए थे। 

9 अक्टूबर

9 अक्टूबर को 11 बजे से पहले मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा सफेद रुमाल में मुंह ढंके सरेंडर किया। लेकिन सवाल यह है कि क्या उनकी गिरफ्तारी होगी। बताया जा रहा है कि आशीष मिश्रा को सवालों की सूची दी गई है मसलन घटना वाले दिन वो कहां थे, थार जीप किसकी थी। 

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