सियासत की अपनी गणित और कैमिस्ट्री होती है। अगर दोनों का संगम होता है तो राजनीतिक दल के हाथ में सत्ता आ जाती है। बात मणिपुर की करें तो बिहार की वजह से जेडीयू, बीजेपी सरकार से अलग हो गई। लेकिन अब तो तस्वीर ऐसी है कि जेडीयू के 6 में से पांच विधायक भी पार्टी के ना रहे। इस मुद्दे पर जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह से सुशील कुमार मोदी पर निशाना साधा है।आप इसी तरह अपने नेतृत्व को जद (यू.) को खत्म करने का दिवास्वप्न दिखाते रहिए। आपको कुछ न कुछ जरूर मिल जाएगा। आपको मेरी शुभकामनाएं।
ललन सिंह ने क्या कहा
मणिपुर में नीतीश कुमार को समर्थन वापसी का दांव पड़ा भारी, जेडीयू के पांच विधायक बीजेपी में शामिल
ललन सिंह का खास ट्वीट
मणिपुर में एक बार फिर बीजेपी का नैतिक आचरण सबके सामने है। आपको तो याद होगा 2015 में प्रधानमंत्री जी ने 42 सभायें की, तब जाकर 53 सीट ही जीत पाए थे। 2024 में देश जुमलेबाजों से मुक्त होगा.....इंतजार कीजिए।
कांग्रेस ने भी कसा तंज
बता दें कि इस विषय पर कांग्रेस ने कहा कि जो विधायक बीजेपी में शामिल हुए हैं वो विधिसम्मत नहीं है। संविधान और लोकतंत्र को बचाने के लिए वो लोग हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। सरकार बनाने और बचाए रखने का खेल चल रहा है जो लोकतंत्र के घातक है। हमें बीजेपी के षड़यंत्रों को नाराम करने के लिए एकजुट होना पड़ेगा।
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