नई दिल्ली: लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) में मचे घमासान ने चिराग पासवान के सामने मुश्किलें पैदा कर दी है। पहले 5 सांसदों ने उन्हें हटाकर उनके चाचा पशुपति कुमार पारस को लोकसभा में नेता चुना और फिर उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से भी हटाया। हालांकि चिराग ने भी कार्रवाई करते हुए पांचों सांसदों को पार्टी से बाहर कर दिया। आज वो मीडिया के सामने आए और कहा कि सदन के नेता की नियुक्ति संसदीय समिति का फैसला है, न कि मौजूदा सांसदों का। ऐसी खबरें आई हैं कि मुझे पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद से हटा दिया गया है। पार्टी के संविधान के अनुसार, राष्ट्रीय अध्यक्ष को केवल तभी हटाया जा सकता है जब वह मर जाता है या इस्तीफा दे देता है।
इसी दौरान उनसे सवाल किया गया कि बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान आपने खुद को हनुमान कहा था और देश के एक बड़े नेता (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) को राम कहा था। इस वक्त जब हनुमान संकट में है तो आप किसी तरह की मदद मांगेंगे राम से?
इसके जवाब में चिराग ने कहा, 'हनुमान को अगर मदद मांगनी पड़े राम से... तो तो फिर हनुमान काहे के और राम काहे के।'
दरअसल, पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में एलजेपी ने एनडीए से अलग होकर चुनाव लड़ा था, लेकिन चिराग पासवान लगातार पीएम मोदी की तारीफ कर रहे थे। प्रचार के दौरान पासवान ने खुद को पीएम मोदी का हनुमान कहा। चिराग ने कहा, 'चुनाव प्रचार के लिए मुझे पीएम मोदी की तस्वीरों का इस्तेमाल करने की जरूरत नहीं है। वह मेरे दिल में रहते है, मैं उनका हनुमान हूं। अगर जरूरत पड़ी तो मैं अपना सीना फाड़कर दिखा दूंगा।'
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