नोटिस के महीनों बाद लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के सांसद चिराग पासवान ने बुधवार को 12 जनपथ बंगला खाली कर दिया जो उनके स्वर्गीय पिता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान को आवंटित किया गया था। अधिकारियों ने कहा कि पिछले साल संपदा निदेशालय द्वारा बेदखली का आदेश जारी किया गया था, जिसमें कई रिमाइंडर भेजे गए थे। संपर्क करने पर चिराग पासवान ने इस मामले में कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। बुधवार को 12 जनपथ बंगले से लदे ट्रक निकलते दिखे।
रामविलास पासवान यूपीए और एनडीए दोनों सरकारों में केंद्रीय मंत्री थे और लंबे समय तक बंगले में रहे थे। यह बंगला लोजपा की राजनीतिक गतिविधियों के केंद्र के रूप में भी काम करता था और रामविलास पासवान नियमित रूप से प्रेस कॉन्फ्रेंस करते थे। 12 जनपथ के मुख्य द्वार के सामने रामविलास पासवान की प्रतिमा भी लगाई गई थी।
रामविलास पासवान पहली बार 1977 में बिहार के हाजीपुर से जनता पार्टी के टिकट पर लोकसभा के लिए चुने गए थे। अक्टूबर 2020 में रामविलास पासवान के निधन के बाद पिछले साल अगस्त में केंद्रीय रेल और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव को बंगला आवंटित किया गया था। अधिकारियों ने बताया कि चिराग पासवान को पहले ही सांसदों के लिए आरक्षित फ्लैट आवंटित किया जा चुका है।
पासवान की मृत्यु के बाद चिराग पासवान और उनके चाचा पशुपति कुमार पारस के बीच मतभेदों के चलते लोजपा दो धड़ों विभाजित हो गई।
Bihar: चिराग पासवान का आरोप-मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रामविलास का किया अपमान
LJP के हुए दो फाड़, EC ने बना दिए 2 दल, चिराग पासवान के दल का नाम हुआ लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास)
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