Gorakhnath Mandir Attack: रविवार शाम गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर परिसर में हुए हमले में हर रोज नए खुलासे हो रहे हैं। नए खुलासे में आरोपी अहमद मुर्तजा अब्बासी का लोन वुल्फ अटैक का कनेक्शन सामने आया है। जिसमें यह बात सामने आई है कि मुर्तजा लोन वुल्फ अटैक के तौर-तरीके इंटरनेट पर खोजता था। ऐसे में सवाल उठता है कि लोन वुल्फ अटैक क्या होता है और आतंक की दुनिया में उसने कैसे पैठ बनाई है।
क्या होता है लोन वुल्फ अटैक
लोन वुल्फ अटैक के नाम से ही साफ है कि यह अकेले अंजाम दिया जाता है। जैसे कि गोरखनाथ मंदिर परिसर में मुर्तजा ने धारदार हथियार से हमला किया। ठीक इसी तरह आतंकवादी हमला करते हैं। यह आतंक फैलाने का एक नया तरीका है। जिसमें आतंकवादी संगठन किसी ऐसे व्यक्ति का ब्रेनवॉश करते हैं, जो सीधे तौर पर किसी आतंकवादी संगठन से नहीं जुड़ा होता है। इस तरह के लोग आसानी से सुरक्षा एजेंसियों की नजर में नहीं आते हैं। और उनसे हमला कराना आसान होता है। साथ ही लोन वुल्फ अटैक की अहम खासियत यह होती है कि हमला करने वाला अकेला होता है, और उसका उद्देश्य अकेले ही ज्यादा से ज्यादा लोगों को नुकसान पहुंचाना होता है।
गोरखपुर हमले का जाकिर नाइक कनेक्शन, भड़काऊ वीडियो से हुआ मुर्तजा का ब्रेनवाश?
पढ़े-लिखे लोगों से कराया जाता है हमला
इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ काउंटर टेररिज्म के एक अध्ययन के अनुसार, लोन वुल्फ अटैक में ज्यादातर पढ़े-लिखे लोग को शामिल किया जाता है। जिसमें हमले के लिए ऐसे लोग तैयार किए जाते हैं, जिनका किसी आतंकी संगठन से संबंध नहीं होता है। और वह जब आतंकी हमला करते हैं तो आतंकी संगठन की हमले को अंजाम देने में सीधे तौर पर कोई भूमिका नहीं होती है। इस तरह के हमले में ज्यादातर सामान्य हथियारों, जैसे चाकू, धारदार हथियार आदि का इस्तेमाल किया जाता है।
कुछ प्रमुख लोन वोल्फ अटैक के मामले
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