नई दिल्ली: भारतीय पासपोर्ट पर कमल के निशान का छपने को लेकर विपक्ष ने सवाल उठाए हैं और संसद में इसे लेकर सरकार की घेराबंदी की है। लेकिन अब विदेश मंत्रालय ने इसे लेकर सफाई दी है। दरअसल लोकसभा में शून्यकाल के दौरान कांग्रेस सांसद राघवन ने केरल के कोझिकोड में कमल के निशान वाले पासपोर्ट बांटे जाने का मुद्दा उठाया।
लोकसभा में विपक्ष द्वारा नए पासपोर्ट पर कमल छापने का मुद्दा उठाए जाने के एक दिन बाद विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि यह नकली पासपोर्ट की पहचान करने के लिए बढ़ी हुई सुरक्षा फीचर का हिस्सा है और बारी-बारी से देश के अन्य प्रतीक चिह्नों का भी इस्तेमाल किया जाएगा।
शून्यकाल के दौरान कांग्रेस के एमके राघवन ने कहा कि यह सरकार सरकारी संस्थाओं का भगवाकरण करने पर जुटी है क्योंकि भाजपा का चुनाव चिह्न कमल का फूल है। इस मुद्दे के बारे में पूछे जाने पर, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, "यह प्रतीक हमारा राष्ट्रीय फूल है और और नकली पासपोर्ट को पहचानने के लिए सिक्यॉरिटी फीचर मजबूत करने का एक कदम है।'
उन्होंने कहा कि इन सिक्यॉरिटी फीचर्स को अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (ICAO) के दिशानिर्देशों के तहत पेश किया गया है। उन्होंने कहा कि अभी यह कमल है और फिर अगले महीने कुछ और होगा। ये भारत से जुड़े प्रतीक हैं जैसे कि राष्ट्रीय फूल या राष्ट्रीय पशु।
इसी साल जून माह के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने घोषणा की थी कि सरकार एडवांस सुरक्षा फीचर वाले पासपोर्ट लाने जा रही है। उन्होंने कहा था कि विदेश मंत्रालय द्वारा ई-पासपोर्ट पर काम करने का प्रस्ताव है, जो आधुनिक सुरक्षा सुविधाओं के साथ एक नई पासपोर्ट बुकलेट बनाने में मदद करेगा। विशेष सुविधाओं वाला नया पासपोर्ट पहली बार पिछले महीने कोच्चि में वितरित किया गया था। नया पासपोर्ट बेहतर गुणवत्ता वाले कागज और बेहतर तरीके से प्रिंट किया गया है।
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