जयपुर: राजस्थान में ढेलेदार चर्म रोग (Lumpy skin disease) से हजारों मवेशियों की मौत को लेकर बीजेपी ने बडे़ पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, लम्पी डिजीज एक वायरल बीमारी है जो मवेशियों को प्रभावित करती है। यह खून चूसने वाले कीड़ों जैसे मक्खियों और मच्छरों की कुछ प्रजातियों, या टिक्स द्वारा एक पशु से दूसरे पशु में ट्रांसफर होती है। यह वायरस पशुओं के त्वचा पर गांठ का कारण बनता है और फिर बुखार आज जाता है। इससे मवेशियों की मौत तक हो जाती है।
राजस्थान बीजेपी अध्यक्ष सतीश पूनिया जयपुर में पार्टी के विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस बैरिकेड्स पर चढ़ गए। इससे पहले सोमवार को एक असामान्य घटना में पुष्कर बीजेपी विधायक सुरेश रावत एक गाय के साथ राजस्थान विधानसभा पहुंचे। बीजेपी विधायक जैसे ही मौके पर पहुंचे और बयान देने लगे तो गाय भाग गई। यह अधिनियम पशुओं में लंफी बीमारी के प्रसार के खिलाफ विरोध करने के उद्देश्य से किया गया था।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 19 सितंबर को इस मुद्दे पर ध्यान दिया और कहा कि लंपी बीमारी का समाधान राज्य सरकार की प्राथमिकता है, हालांकि इसके लिए टीके केंद्र द्वारा दिए जाएंगे। सीएम गहलोत ने ट्वीट किया कि मैंने 15 अगस्त को लम्पी रोग को लेकर बैठक बुलाई और विपक्ष के नेताओं को बुलाया, सभी से बात की, धर्मगुरुओं से बात की, हमारी प्राथमिकता है कि गायों के जीवन को लंफी त्वचा रोग से कैसे बचाया जाए, लेकिन केंद्र सरकार टीके और दवाएं दें।
महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश और पंजाब की गायों की बड़ी संख्या में मरने के साथ यह बीमारी देश भर में मवेशियों को तबाह कर रही थी। महाराष्ट्र के पशुपालन विभाग ने शनिवार को जानकारी दी कि राज्य में अब तक 126 मवेशियों की मौत हो चुकी है और 25 जिले लम्पी वायरस से संक्रमित हैं।
विज्ञप्ति में आगे बताया गया है कि हालांकि गांठदार त्वचा रोग (एलएसडी) तेजी से फैल रहा है, यह जानवरों से या गाय के दूध के माध्यम से मनुष्यों में नहीं फैलता है। 10 अगस्त को, केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने देश के पशुओं को राहत प्रदान करने के उद्देश्य से पशुओं को लम्पी त्वचा रोग से बचाने के लिए स्वदेशी वैक्सीन Lumpi-ProVac का शुभारंभ किया।
इस वैक्सीन को नेशनल इक्वाइन रिसर्च सेंटर हिसार (हरियाणा) द्वारा भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, इज्जतनगर (बरेली) के सहयोग से विकसित किया गया है। जबकि 16 अगस्त को, पूर्व केंद्रीय मंत्री और शिरोमणि अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर बादल ने इस क्षेत्र में 'लम्पी बीमारी' के कारण होने वाले नुकसान पर ध्यान नहीं देने के लिए पंजाब सरकार की खिंचाई की और प्रति पशु 50,000 रुपए के मुआवजे की मांग की।
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