नई दिल्ली: 26 मई को इस साल का पहला चंद्रगहण (Lunar Eclipse) लगने वाला है जो वृश्चिक राशि और अनुराधा नक्षत्र में लगेगा। यह चंद्रग्रहण दुनिया के कई देशों में दिखाई देखा। चंद्रग्रहण को लेकर तमाम ज्योतिषाचार्यों से लेकर खगोलशास्त्रियों ने अपनी- अपनी भविष्यवाणी की है। इस आंशिक चंद्रग्रहण (Lunar Eclipse 2021) को लेकर एक वरिष्ठ खगोल वैज्ञानिक ने कहा है कि यह किसी भी तरह से समुद्र की ज्वारीय लहरों पर अपना असर नहीं डालेगा।
वैज्ञानिक ने कही ये बात
वरिष्ठ खगोल वैज्ञानिक के मुताबिक, इस आंशिक चंद्रग्रहण को किसी चक्रवात से नहीं जोड़ा जा सकता है, जिसके आने की मौसम विभाग ने आशंका जाहिर की है। एमपी बिड़ला तारामंडल के निदेशक देबिप्रसाद दुआरी ने पीटीआई को बताया कि अगर आसमान में बादल छाए रहते हैं तो लोगों को निराशा हाथ लग सकती है और वो ब्रह्मांडीय घटना को देखने से वंचित रह सकते हैं।
चंद्रग्रण का चक्रवात से कोई संबंध नहीं
उन्होंने कहा कि यदि समुद्र में नदियों और जल निकायों में प्रवाह बढ़ रहा है या उच्च ज्वार भाटे जैसी स्थिति है तो इसे किसी भी ग्रह की स्थिति से नहीं जोड़ा जा सकता है। उन्होंने कहा, ''अगर क्षेत्रों में बाढ़ आती है या जल निकायों में तेज प्रवाह होता है तो यह तूफान के कारण होगा जो कि सिस्टम के कारण ऐसा चक्रवाती तूफान बनता है जिससे इस तरह की घटनाएंहोती हैं।'
मौसम विभाग की भविष्यवाणी
आपको बता दें कि मौसम विभाग ने एक और समुद्री तूफान के आने की भविष्यवाणी की है। मौसम विभाग के मुताबिक 22 मई को उत्तरी अंडमान सागर और उससे सटे पूर्व-मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है जो बाद में एक चक्रवाती तूफान में तब्दील हो सकता है। यह 26 मई की शाम के आसपास पश्चिम बंगाल-ओडिशा तटों से टकरा सकता है। इसे देखते हुए सरकारों ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं।
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