Madhya Pradesh: कांग्रेस विधायकों ने मंगलवार को मानसून सत्र के पहले दिन मध्य प्रदेश विधानसभा के गेट पर लहसुन के ढेर के साथ प्रदर्शन किया। इससे पहले कंधे पर लहसुन की बोरियां लाए विधायकों को विधानसभा गेट पर रोक दिया गया। इसके बाद कांग्रेस विधायकों ने विरोध में विधानसभा के गेट पर लहसुन फेंक कर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन कर रहे विधायकों ने कहा कि सरकार को किसानों से उचित मूल्य पर लहसुन खरीदना चाहिए।
कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा के गेट पर लहसुन के साथ किया प्रदर्शन
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कांग्रेस विधायकों ने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ बीजेपी ने विधायकों को खरीदा, लेकिन किसानों के प्रति वह उदासीन थी और उनके द्वारा उगाए लहसुन खरीदने के लिए पैसे नहीं थे। पिछले कुछ दिनों में सोशल मीडिया पर कुछ वीडियो सामने आए थे, जिसमें किसानों को अपनी उपज के कम दाम मिलने के बाद मध्य प्रदेश में सड़कों और नदियों और नालों में लहसुन से भरी बोरियों को फेंकते हुए देखा गया था।
किसान विकास सिसोदिया ने दावा किया था कि उन्हें इंदौर के बाजार में उनकी लहसुन की फसल के लिए सिर्फ 1 रुपए प्रति किलो मिल रहा था और इसलिए उन्होंने अपने गांव के पास एक नाले में लहसुन को नाले में फैंकना सही समझा। सिसोदिया ने दावा किया कि इस साल लहसुन की खेती में उसे 3 लाख रुपए का नुकसान हुआ है।
किसानों को नहीं मिल रही है फसलों की लागत- सचिन यादव
कांग्रेस विधायक सचिन यादव ने दावा किया कि सरकार किसानों की आय दोगुनी करने की बात कर रही है, लेकिन हकीकत ये है कि उन्हें लागत भी नहीं मिल रही है। उन्होंने कहा कि उर्वरक, बीज और डीजल की बढ़ती कीमतों ने पहले ही किसानों को भारी नुकसान पहुंचाया है और अब उन्हें अपनी उपज की लागत भी नहीं मिल रही है। यादव ने मांग की कि सरकार भावांतर योजना को लागू करके किसानों की समस्याओं का तुरंत समाधान करे।
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