राज्यपाल ने कमलनाथ को फिर लिखी चिट्ठी, कहा, कल बहुमत साबित करें, नहीं तो अल्पमत में माना जाएगा

देश
किशोर जोशी
Updated Mar 16, 2020 | 17:42 IST

मध्य प्रदेश में सियासी संकट थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब राज्यपाल लालजी टंडन ने कमलनाथ को पत्र लिखकर 17 मार्च को फ्लोर टेस्ट साबित करने को कहा है।

'Madhya Pradesh Governor Lalji Tandon writes to CM Kamal Nath, stating Conduct the floor test on 17th March
'कल बहुमत साबित करें कमलनाथ, नहीं तो अल्पमत में माना जाएगा 
मुख्य बातें
  • मध्य प्रदेश में जारी है सियासी ड्रामा, राज्यपाल हुये नाराज, कमलनाथ को पत्र लिख कहा- 17 को कराएं फ्लोर टेस्ट
  • राज्यपाल ने कहा कि कमलनाथ फ्लोर टेस्ट कराने के बजाया आनाकानी कर रहे हैं
  • इससे पहले सोमवार को सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद स्पीकर ने 26 मार्च तक सदन को कर दिया था स्थगित

भोपाल: मध्य प्रदेश में सियासी ड्रामा खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। अब राज्यपाल ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को एक बार फिर खत लिखा है और 17 मार्च को बहुमत साबित करने को कहा है। इस खत में राज्यपाल ने कहा है कि अगर सरकार ऐसा नहीं करती है तो उसे अल्पमत में माना जाएगा। राज्यपाल ने यह पत्र ऐसे समय में लिखा है जब जब मध्यप्रदेश विधानसभा अध्यक्ष नर्मदा प्रसाद प्रजापति ने आज से शुरू हुए बजट सत्र की कार्यवाही राज्यपाल लालजी टंडन के अभिभाषण के तत्काल बाद 26 मार्च तक स्थगित कर दी।

कमलनाथ से नाराज हुए राज्यपाल

अपने पत्र में राज्यपाल ने लिखा, 'मेरे द्वारा लिखे गए पत्र का उत्तर आपसे प्राप्त हुआ, धन्यवाद। मुझे खेद है कि पत्र का भाव/ भाषा मर्यादाओं के अनुकूल नहीं है।  मैंने आपसे 16 मार्च को विश्वास मत प्राप्त करने के लिए निवेदन किया था। आज जैसे ही सत्र आरंभ हुआ तो मैंने अभिभाषण पढ़ा, लेकिन आपके द्वारा सदन में विश्वास मत प्राप्त करने की कार्यवाही आरंभ नहीं की गई और ना ही कोई सार्थक प्रयास किया गया। इसके बाद सदन को 26 मार्च तक स्थगित कर दिया गया।'

आनाकानी कर रहे हैं मुख्यमंत्री

 राज्यपाल ने सरकार को कहा कि आपने पत्र में सुप्रीम कोर्ट के जिस निर्णय़ का जिक्र किया है वह वर्तमान परिस्थितियों में लागू नहीं होता है। पत्र में आगे कहा गया, 'आपने बहुमत सिद्ध करने की बजाय पत्र लिखकर विश्वास मत और फ्लोर टेस्ट कराने में असमर्थता व्यक्त की है या आनाकानी की है, जिसका कोई औचित्यन नहीं है। जो कारण आपने दिए हैं वो अर्थहीन और आधारहीन है। आप 17 मार्च को बहुमत सिद्ध करें अन्यथा यह माना जाएगा कि वास्तव में आपको विधानसभा में बहुमत प्राप्त नहीं है।'

कमलनाथ ने बीजेपी को दी थी ये चुनौती

आपको बता दें कि राज्यपाल लालजी टंडन ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को सोमवार को राज्यपाल के अभिभाषण के तत्काल बाद विश्वास प्रस्ताव पर मतदान कराने के निर्देश दिए थे, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने राज्यपाल के संक्षिप्त अभिभाषण के बाद ही सदन की कार्यवाही 26 मार्च तक स्थगित कर दी। इसके बाद मीडिया से बात करते हुए कमलनाथ ने कहा, ‘यदि भाजपा को लगता है कि हमारे पास बहुमत नहीं है, तो वह मेरी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाये। वे ऐसा करने से क्यों कतरा रहे हैं?’

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