महाराष्ट्र में मचे सियासी घमासान के बीच मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे मातोश्री में शिफ्ट हो गए हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री आवास वर्षा बंगला छोड़ दिया है। तस्वीरें सामने आई हैं, जिनमें देखा जा सकता है कि उनका सामान ले जाया जा रहा है। वो अपने परिवार के साथ वर्षा से मातोश्री के लिए रवाना हुए। दरअसल, उन्होंने इसके संकेत दिए हैं। उन्होंने जनता को संबोधित करते हुए साफ-साफ कहा है कि मैंने इस्तीफा तैयार कर रखा है। विधायक वापस आएं, मेरा इस्तीफा ले जाएं। विधायक मेरा इस्तीफा राज्यपाल को सौंप दें। मैं नहीं जा सकता क्योंकि कोरोना पीड़ित हूं। राज्यपाल कहें तो मैं आने को तैयार हूं। ये किसी तरह से मेरी मजबूरी नहीं है। बिना सत्ता के बड़ी चुनौतियों का सामना किया। मुझे शिवसेना प्रमुख बने रहने का लालच नहीं है। मेरे सामने बैठो, मैं इस्तीफा देता हूं।
ठाकरे ने 17 मिनट लंबे वेबकास्ट में कहा कि अगर शिव सैनिकों को लगता है कि वह (ठाकरे) पार्टी का नेतृत्व करने में सक्षम नहीं हैं तो वह शिव सेना पार्टी के अध्यक्ष का पद भी छोड़ने के लिए तैयार हैं। सूरत और अन्य जगहों से बयान क्यों दे रहे हैं? मेरे सामने आकर मुझसे कह दें कि मैं मुख्यमंत्री और शिवसेना अध्यक्ष के पदों को संभालने में सक्षम नहीं हूं। मैं तत्काल इस्तीफा दे दूंगा। मैं अपना इस्तीफा तैयार रखूंगा और आप आकर उसे राजभवन ले जा सकते हैं। मुख्यमंत्री पद पर किसी शिव सैनिक को अपना उत्तराधिकारी देखकर उन्हें खुशी होगी। ठाकरे ने कहा कि उन्होंने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार के सुझाव पर अपनी अनुभवहीनता के बावजूद मुख्यमंत्री का पद संभाला।
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दूसरी तरफ एकनाथ शिंदे ने टाइम्स नाउ नवभारत से बात करते हुए दावा किया है कि उनके पास 46 विधायकों का समर्थन है, जिनमें निर्दलीय विधायकों के साथ-साथ शिवसेना के विधायक और महाराष्ट्र के मंत्री भी हैं। एकनाथ शिंदे दावा कर रहे हैं कि उनके पास 46 विधायकों का साथ है, लेकिन जो आंकड़ा सामने आया है उसके मुताबिक शिवसेना के 34 बागी विधायकों ने एकनाथ शिंदे को अपना नेता चुना है और इसकी चिट्ठी भी राज्यपाल और डिप्टी स्पीकर को भेज दी है। दावा किया जा रहा है कि गुवाहाटी में शिवसेना के बागी विधायकों की संख्या और भी बढ़ सकती है। दोपहर बाद महाराष्ट्र बीजेपी अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल 4 और बागी विधायकों को लेकर गुवाहाटी पहुंच गए हैं।
शिंदे की कोई भी मंशा तभी कामयाब होगी जब उनके पास शिवसेना के 37 विधायक होंगे...क्योकि अगर 37 शिवसेना के विधायक शिंदे के पाले में बने रहेंगे...तो उन सभी पर दलबदल कानून लागू नहीं होगा और उन्हें विधायक पद से नहीं हटाया जाएगा । 37 के मैजिक फिगर को हासिल करने के बाद ही एकनाथ शिंदे अपनी मांग किसी से भी मनवा पाएंगे और अपनी पसंद का विकल्प चुन पाएंगे।
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