मुंबई: महाराष्ट्र में सत्तारूढ गठबंधन महा विकास अघाड़ी (एमवीए) में दरार बुधवार को तब सामने आ गयी जब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने सहयोगी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) को ‘पीठ में छुरा घोंपने वाला’ करार दिया। एक दिन पहले ही शरद पवार की अगुवाई वाली एनसीपी ने गोंडिया जिला परिषद में कांग्रेस को सत्ता से दूर रखने के लिए चुनाव में प्रतिद्वंद्वी भाजपा से हाथ मिला लिया था। पटोले ने बुधवार को यहां संवाददाताओं से कहा कि आगामी उदयपुर सम्मेलन में कांग्रेस आलाकमान को पिछले ढाई साल के दौरान राकांपा द्वारा अपनाये गये ‘दांव-पेंच’ के बारे में बताया जाएगा। पटोले ने कहा कि मित्रता पूरी ईमानदारी से की जानी चाहिए और यदि दुश्मन सामने से खुलकर वार करे तो अच्छा है।
उन्होंने कहा कि भाजपा को सत्ता से दूर रखने के लिए शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस का गठबंधन महा विकास अघाड़ी बनाया गया था। गठबंधन में होने के बावजूद राकांपा ने मालेगांव, भिवंडी और कई अन्य स्थानों पर कांग्रेस को दूर धकेला। कल राकांपा ने अध्यक्ष के चुनाव के लिए गोंडिया जिला परिषद में भाजपा के साथ हाथ मिला लिया। उसने पीछे से कांग्रेस की पीठ में छुरा घोंपा है। पटोले ने कहा कि भंडारा जिला परिषद में कांग्रेस ने उसे नुकसान पहुंचने की भाजपा की कोशिश नाकाम कर दी।
उन्होंने कहा कि गठबंधन में होने के बाद भी राकांपा ने इससे पहले मालेगांव एवं भिवंडी में कांग्रेस को दूर धकेला जिससे साबित हो गया कि राकांपा कांग्रेस को अपना प्रतिद्वंद्वी मानती है। एमवीए के साझेदार जयंत पाटिल (राकांपा), सुभाष देसाई (शिवसेना) और मैंने तय किया था कि यह सुनिश्चित करने की कोशिश की जाएगी कि अधिकतम जिला परिषद एमवीए के पास रहें। एमवीए गठबंधन शर्त का उल्लंघन करते हुए राकांपा ने गोंडिया जिला परिषद के अध्यक्ष के चुनाव के लिए प्रतिद्वंद्वी भाजपा से हाथ मिला लिया तथा निर्दलियों एवं एक स्थानीय निकाय की मदद से कांग्रेस को सत्ता से दूर कर दिया।
पटोले के आरोप पर प्रदेश राकांपा अध्यक्ष एवं मंत्री जयंत पाटिल ने कहा कि कांग्रेस नेता द्वारा लगाया गया आरोप गलत है। उन्होंने कहा कि राकांपा हमेशा महा विकास अघाड़ी के तीन घटकों को एकजुट रखने के पक्ष में रही है। उन्होंने कहा कि पटोले ने राकांपा नेताओं से संपर्क किया था। हालांकि पाटिल ने उसका ब्योरा नहीं दिया। प्रदेश राकांपा अध्यक्ष ने कहा कि विचारों में भिन्नता की वजह से स्थानीय स्तर पर (राकांपा एवं कांग्रेस के स्थानीय नेताओं के) साथ आने में कुछ समस्या हो सकती है। हम इसकी गहराई में जायेंगे। उन्होंने कहा कि राकांपा की एमवीए को अस्थिर करने की कभी मंशा नहीं रही। (वरिष्ठ राकांपा नेता प्रफुल्ल) पटेल आज विदेश में हैं। इसलिए मैं उनसे संवाद नहीं कर पाया। किस स्थिति में (गोंडिया में राकांपा एवं भाजपा के साथ आने का) फैसला किया गया, उसे देखने के बाद ही कुछ कहना सही होगा। पूर्व केंद्रीय मंत्री पटेल गोंडिया से ही आते हैं।
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