राजद्रोह केस में नवनीत राणा और उनके पति रवि राणा की जमानत अर्जी पर शनिवार यानी 30 अप्रैल को एक बार फिर सुनवाई होगी। इस बीच अदालत के सामने महाराष्ट्र सरकार ने दलील पेश करते हुए कहा कि राजद्रोह का केस लगाने के पीछे पुख्ता वजह हैं। यदि आलोचना या सार्वजनिक कार्रवाई पर टिप्पणी को कड़े शब्दों में उचित सीमा के भीतर कहा जाए और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार के अनुरूप है, तो धारा 124 (ए) के दायरे में नहीं आते हैं। लेकिन जब शब्दों के प्रयोग से सार्वजनिक अव्यवस्था या कानून-व्यवस्था की गड़बड़ी पैदा करने की घातक प्रवृत्ति या इरादा होता है, तो धारा 124 (ए) के प्रावधान के तहत कार्रवाई की जा सकती है।
राजद्रोह केस के लिए पुख्ता वजह
आरोपियों ने मुंबई का पता तो दिया है लेकिन उनका आवास अमरावती में है। जमानत मिलने पर वे जांच के लिए दिए गए समय पर उपलब्ध नहीं होंगे।आरोपी विधायक और सांसद हैं और आम जनता का प्रतिनिधित्व करते हैं। जमानत पर रिहा होने पर आरोपी गवाहों को प्रभावित करने और छेड़छाड़ करने की कोशिश करेगाजांच से पता चला है कि आरोपी ऐसे व्यक्ति हैं जो मजबूत राजनीतिक विरोधियों और पवित्र "स्तोत्र" (धार्मिक पुस्तक) का उपयोग करने के लिए एक बहुत ही चतुर कदम उठा चुके हैं। उन्होंने पुष्टि किए गए तथ्यों को ध्यान में रखते हुए पूर्व-गणना तरीके से एक प्रभावी योजना तैयार की जो इस तरह से हैं।
आरोपियों का राजनीतिक संबंध
जांच से पता चला है कि आरोपी ऐसे व्यक्ति हैं जो मजबूत राजनीतिक विरोधियों और धार्मिक पुस्तक का उपयोग करने के लिए चतुराई भरा कदम उठा चुके हैं। उन्होंने एक प्रभावी योजना तैयार कीअपनी बेगुनाही की दलील देने के लिए कहा गया कि यदि वे "हनुमान चालीसा" का जाप करना चाहते हैं, तो यह ईश्वर की प्रार्थना में एक कार्य है इसलिए यह कैसे वैकल्पिक रूप से एक अपराध हो सकता है, यह कहना कि ईश्वर की प्रार्थना करना और उनकी प्रार्थना करना वर्तमान सरकार के शासन में एक अपराध है। ये दलीलें कितनी निर्दोष लग सकती है।
प्रतिवादी का कहना है कि ये सबमिशन सबसे हिप्पोक्रेटिक हैं मातोश्री बंगले में माननीय मुख्यमंत्री के निजी आवास पर हनुमान चालीसा पढ़ने की योजना एक चुनौती पैदा करने की एक बड़ी साजिश है। कानून के शासन द्वारा स्थापित सरकार द्वारा कानून और व्यवस्था के रखरखाव के लिए इस हद तक कि कानून और व्यवस्था के पतन की वकालत की जा सके और राज्यपाल द्वारा वर्तमान सरकार को भंग करने की सिफारिश की जा सके महाराष्ट्र के संपूर्ण कानून व्यवस्था पर आंच आए उसे कैसे स्वीकार किया जा सकता है। जब आप एक निश्चित सोच के साथ चुनी हुई सरकार को गिराने का साजिश रची जाए तो 124 ए के तरह कार्रवाई की जा सकती है।
Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।