Mumbai: एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार ने राज्यपाल कोटे के तहत विधानपरिषद सदस्यों (एमएलसी) के रूप में 12 लोगों को मनोनीत करने संबंधी तत्कालीन महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार की सिफारिश वापस लेने का आग्रह किया था। सीएम शिंदे के राजभवन को लिखे पत्र के बाद, अब राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने पिछली उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा अनुशंसित नामों की सूची वापस लेने पर अपनी मुहर लगा दी है।
उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पिछली सरकार ने दो साल पहले एमएलसी के रूप में मनोनीत करने के लिए 12 लोगों के नामों की सिफारिश की थी, लेकिन राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने फाइल को मंजूरी नहीं दी। पिछले हफ्ते पहले ही शिंदे ने राज्यपाल को पत्र लिखकर कहा था कि उनकी सरकार उद्धव ठाकरे द्वारा प्रस्तुत 12 उम्मीदवारों की सूची वापस ले रही है। अब राज्यपाल द्वारा सीएम के आग्रह को मानने के बाद नई नामों को मंजूरी दी जाएगी।
पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने 12 नवंबर, 2020 को राज्यपाल को विधान परिषद में नामांकन के लिए 12 प्रतिष्ठित व्यक्तियों की सूची सौंपी थी। उनमें प्रसिद्ध अभिनेत्री उर्मिला मातोंडकर सहित वरिष्ठ राकांपा नेता एकनाथ खडसे, कांग्रेस नेता रजनी पाटिल, जिन्हें बाद में राज्यसभा के लिए मनोनीत किया गया और कांग्रेस के सचिन सावंत तथा मुजफ्फर हुसैन के नाम शामिल थे। मातोंडकर कांग्रेस छोड़ने के बाद शिवसेना में शामिल हो गई थीं। संविधान में साहित्य, कला, सहकारिता आंदोलन और समाज सेवा के क्षेत्र में 12 प्रतिष्ठित व्यक्तियों की नियुक्ति का प्रावधान है।
कांग्रेस नेता अमित देशमुख, शिवसेना के अनिल परब और राकांपा के नवाब मलिक सहित महा विकास अघाड़ी के एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल द्वारा राजभवन को सूची सौंपी गई थी। उस समय, यह उम्मीद की जा रही थी कि राज्यपाल कोश्यारी उचित अवधि के भीतर प्रस्ताव को मंजूरी देंगे। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। एमवीए नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल द्वारा लिस्ट को मंजूरी नहीं दिए जाने पर पीएम मोदी को भी अवगत कराया था।
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