महिलाओं के आरक्षण के मुद्दे पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के चीफ शरद पवार ने कहा है कि उत्तर भारत और संसद की ‘‘मानसिकता’’ लोकसभा या विधानसभाओं में औरतों को आरक्षण देने के फिलहाल अनुकूल नहीं लगती है।
शनिवार (17 सितंबर, 2022) को पुणे चिकित्सक संघ की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में पूर्व केंद्रीय मंत्री से महिला आरक्षण विधेयक (लोकसभा और सभी विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीट आरक्षित करने के प्रावधान करने वाले) पर सवाल हुआ था। उन्होंने पत्रकारों को जवाब दिया- मैं संसद में इस मुद्दे को तब से उठा रहा हूं, जब मैं लोकसभा में कांग्रेस के सांसद था।
आगे पवार से पूछा गया था कि यह विधेयक अभी तक पारित नहीं हो पाया है, तो क्या यह दर्शाता है...क्या देश महिलाओं के नेतृत्व को स्वीकार करने के लिए मानसिक रूप से अभी तैयार नहीं है?
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने जवाब दिया, ‘‘संसद, खासकर उत्तर भारत की मानसिकता (इस मामले के) अनुकूल नहीं है। मुझे याद है कि जब मैं कांग्रेस में लोकसभा का सदस्य था, तो मैं संसद में महिला आरक्षण के मुद्दे पर बात करता था। एक बार मेरा भाषण पूरा करने के बाद मैं मुड़ा और मैंने देखा कि मेरी पार्टी के अधिकतर सांसद उठे और वहां से चले गए। इसका अर्थ है कि मेरी पार्टी के लोग भी इसे पचा नहीं पाए थे।’’
उन्होंने बताया कि सभी दलों को इस बिल को पारित कराने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘जब मैं महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री था, तो जिला परिषद और पंचायत समिति जैसे स्थानीय निकायों में महिलाओं के लिए आरक्षण की शुरुआत की गई थी। शुरू में इसका विरोध हुआ, लेकिन बाद में लोगों ने इसे स्वीकार कर लिया।
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