सांसद महुआ मोइत्रा, टीएमसी की फायर ब्रांड नेता हैं। वो सभी मौकों पर बीजेपी पर निशाना साधती रहती हैं। लेकिन अपनी ही पार्टी के विधायक पर निशाना साधना उन्हें भारी पड़ गया। सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि जिसका जो कार्यक्षेत्र है उस पर ध्यान देने की जरूरत है। पार्टी हर विचार और लोगों के बारे में सोचती है। किसे क्या जिम्मेदारी देनी है उसके बारे में पार्टी फैसला करती है। अब जबकि ममता बनर्जी ने महुआ मोइत्रा को झाड़ लगाई। बीजेपी ने तंज कसते हुए कहा कि जल्द ही राहुल गांधी की तरह वो भी सड़कों पर होंगी।
बीजेपी का हमलावर रुख
अमित मालवीय ने कहा कि ममता बनर्जी ने पिछले साल दिसंबर में हुई इसी तरह की एक घटना का जिक्र करते हुए सार्वजनिक रूप से उन्हें अपमानित करने की बात कही। मालवीय ने अपने ठहाकों में देवी काली को लेकर विवाद भी खड़ा किया, जिसमें पार्टी ने महुआ के बयान का समर्थन नहीं किया। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि महुआ मोइत्रा, जो वाम दलों की प्रिय हैं, मां काली को बदनाम किया वो अपनी ही पार्टी में एक गैर-व्यक्तित्व है।
आखिर ममता बनर्जी क्यों हुईं नाराज
हाल ही में पार्टी की एक बैठक में, ममता ने महुआ से कहा था कि वह अपने निर्वाचन क्षेत्र से परे पार्टी के संगठनात्मक मामलों में हस्तक्षेप न करें। ममता ने महुआ से कहा से कहा कि “महुआ, कौन पद देता है और कौन नहीं देता यह महत्वपूर्ण नहीं है। यह पार्टी को सोचना है। करीमपुर आपका क्षेत्र नहीं है यह अबू ताहिर का है और वह देखेगा। आप केवल अपने लोकसभा क्षेत्र पर ध्यान दें।उस बैठक के बाद जिसमें ममता बनर्जी ने महुआ को फटकार लगाई। फेसबुक पर अपने पोस्ट में उन्होंने कहा कि 2019 में कृष्णानगर की सांसद बनने के बाद भी। उन्होंने अपनी पिछली विधानसभा सीट, कैमपुर के लिए काम करना जारी रखा, जिसका उन्होंने 2016 से 2019 तक प्रतिनिधित्व किया। करीमपुर के पिछले विधायक और मतदाता के रूप में मेरा संबंध वही रहेगा। लेकिन मेरे नेता ने मुझे अपने लोकसभा क्षेत्र की विधानसभा सीटों के लिए और समय देने के लिए कहा है। इसलिए मैं आप सभी से अनुरोध करता हूं कि किसी भी विकास कार्य के लिए उस क्षेत्र के सांसद अबू ताहिर खान से संपर्क करें।
काली विवाद
देवी काली को लेकर उठे विवाद ने तृणमूल कांग्रेस को महुआ मोइत्रा की इस टिप्पणी से दूर कर दिया कि वह देवी को मांस-प्रेमी, शराब पीने वाली देवी मानती हैं। इन टिप्पणियों के कारण महुआ के खिलाफ विभिन्न राज्यों में कई प्राथमिकी दर्ज की गईं। पार्टी ने कहा कि वह उनकी टिप्पणियों को मंजूरी नहीं देती है, जिसके बाद महुआ ने तृणमूल के आधिकारिक ट्विटर हैंडल को अनफॉलो कर दिया।
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